रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 77 |कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 77
Ans. ऐल्किल हैलाइड की अमोनिया के आधिक्य के साथ क्रिया कराने पर प्राप्त प्रमुख उत्पाद प्राथमिक ऐमीन होगा।
Ans. समान अनुपात वाले प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमिनों के क्वथनांक का क्रम प्राथमिक ऐमीन > द्वितीयक ऐमीन > तृतीयक ऐमीन है।
Ans. तृतीयक ऐमीन जल में अविलेय होते हैं।
Ans. प्रकृति में ऐमीन प्रोटीन, विटामिन, ऐल्केलाॅइड तथा हार्मोनों में पाए जाते हैं।
Ans. ऐड्रीनलिन और इफेड्रिन है जिनका उपयोग रक्तचाप बढ़ाने में किया जाता है।
Ans. बैनेड्रील प्रतिहिस्टैमिन के रूप में प्रयुक्त होता है तथा इसमें तृतीयक ऐमीन समूह उपस्थित होता है।
Ans. चतुष्क अमोनियम लवणों को पृष्ठ सक्रिय पदार्थों के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
Ans. तृतीयक ब्यूटिल ऐमीन प्राथमिक ऐमीन है।
Ans. 2° ऐमीन हिन्सबर्ग अभिकर्मक के साथ क्रिया कर लेती है लेकिन 3° ऐमीन की हिन्सबर्ग अभिकर्मक के साथ कोई क्रिया नहीं होती है।
Ans. हिन्सबर्ग अभिकर्मक, तृतीयक ऐमीन से क्रिया नहीं करता हैं।
Ans. CH3 CN का IUPAC नाम एथेन नाइट्राइल है
Ans. प्रयोगशाला में यूरिया बनाने के लिए प्रयुक्त अभिकर्मक द्रवित अमोनिया तथा कार्बोनिल क्लोराइड या एथिल कार्बोनेट या एथिल यूरिथेन है।
Ans. मिरबेन का तेल नाइट्रोबेंजीन को कहते हैं।
Ans. नाइट्रो बेंजीन के विद्युत अपघटनी से प्राप्त उत्पाद p- ऐमीनो फीनाॅल है।
Ans. बेंजीन डाइएमोनियम क्लोराइड के जलीय विलयन को 283K ताप पर गर्म करने पर फिनाॅल प्राप्त होता है।
Ans. डाई मेथिल ऐमीन मेथिल एमीन सें प्रबल क्षार है क्योंकि डाई मेथिल ऐमीन में 2 मेथिल समूहों के धनात्मक प्रेरणित प्रभाव के कारण नाइट्रोजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है जबकि मेथिल ऐमीन में केवल एक मेथिल समूह का प्रभाव ही लगता है।
Ans. वाइनिल सायनाइड का IUPAC नाम प्रोप-2-इननाइट्राइल या 2- प्रोपीननाइट्राइल हैं।
Ans. एल्केन एमीन, अमोनिया से प्रबल क्षारक है क्योंकि एल्केनेमीन में उपस्थित ऐल्किल समूह की इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी प्रकृति के कारण नाइट्रोजन के असहभाजित इलेक्ट्रॉन युग्म की प्रोटॉन से साझेदारी के लिए उपलब्धता बढ़ जाती है।
Ans. प्राथमिक एमीन में दो हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित होने के कारण हाइड्रोजन बन्ध का निर्माण होता है जबकि तृतीयक एमीन में हाइड्रोजन बंध नहीं बनता, अतः प्राथमिक एमीन का क्वथनांक तृतीयक एमीन से अधिक होता है।
Ans. यूरिया को धीमी गति से 155°C पर गर्म करने से दो अणुओं की परस्पर क्रिया एवं अमोनिया के निष्कासन द्वारा श्वेत क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ बाइयूरेट का निर्माण होता है यह क्रिया यूरिया का परीक्षण है, क्योंकि प्राप्त बाइयूरेट इनमें कॉपर सल्फेट का क्षारीय विलयन मिलाने पर बैंगनी रंग आता है।
Ans. ऐनिलीन में फेनिल समूह के बड़े आकार के कारण यह जल के साथ आसानी से हाइड्रोजन बंध नहीं बना पाती है तथा इसका क्षारीय गुण कम होने के कारण यह जल से क्रिया भी नहीं करती, लेकिन HCl के साथ लवण बना लेती है अतः यह जल में अति अल्प विलेय होती है लेकिन HCl में पूर्ण विलेय होती है।
Ans. किसी ऐमीन का क्षारीय गुण उसके pKb मान के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात् क्षारीय गुण बढ़ने पर pKb मान कम होता है ऐनिलीन में नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बेंजीन वलय के साथ अनुनाद करता है अतः इसका क्षारीय गुण कम हो जाता है जबकि ऐथेनेमीन में ऐथिल समूह के +I प्रभाव के कारण नाइट्रोजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है जिसके कारण क्षारीय गुण बढ़ जाता है इसी कारण ऐनिलीन का pKb मान ऐथेनेमीन के pKb मान से बहुत अधिक होता है।
Ans. नाइट्रीकारक मिश्रण में उपस्थित सांद्र HNO3 ऑक्सीकारक होता है अतः यह ऐनिलीन का ऑक्सीकरण कर देता है इसीलिए नाइट्रो व्युत्पन्नों के साथ ऑक्सीकरण उत्पाद भी प्राप्त होते हैं तथा m- उत्पाद भी अपेक्षित मात्रा से अधिक बनता है अतः ऐनिलीन से o- नाइट्रोऐनिलीन एवं p- नाइट्रोऐनिलीन बनाने के लिए इसके नाइट्रीकरण से पहले इसका ऐसिलीकरण करके -NH2 समूह का रक्षण किया जाता है।
Ans. 273-278K ताप पर प्राथमिक एरोमैटिक एमीन की NaNO2 तथा HCl से अभिक्रिया कराने पर एरीन डाइऐजोनियम लवण बनते हैं, इस अभिक्रिया को डाईऐजोटीकरण कहते हैं।
Ans. जब अभिक्रिया में किसी ऐमाइड की NaOH या KOH के जलीय अथवा ऐथेनॉलिक विलयन में ब्रोमीन से अभिक्रिया कर आते हैं तो प्राथमिक एमीन प्राप्त होता है, इसे
हाॅफमान ब्रोमेमाइड अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. बेंजीन डाइएजोनियम क्लोराइड, फीनाॅल से अभिक्रिया करके इसकी पैरा स्थिति पर युग्मित होकर पैरा हाइड्रोक्सीऐजोबेंजीन देता है इस अभिक्रिया को युग्मन अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. युग्मन अभिक्रिया इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया हैं।
Ans. ऐल्किल ऐमीन की क्रिया कार्बन डाईसल्फाइड के साथ कराने पर पहले N- ऐल्किल डाइथायोकार्बोमिक अम्ल बनाता है जिसे मरक्यूरिक क्लोराइड के साथ गर्म करने पर ऐल्किल आइसोथायोसायनेट प्राप्त होता है जिसकी सरसों के तेल के समान गंध आती है अतः इस अभिक्रिया को हाॅफमान मस्टर्ड ऑयल अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. एमीन, अमोनिया के व्युत्पन्न कहलाते हैं।
Ans. प्रतिस्थापित हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या के आधार पर एमीन को 3 रूपों में वर्गीकृत किया गया है।
Ans. एमीन जिसमें N-परमाणु, एल्किल समूह से सीधे बंधित हो, एलिफैटिक एमीन कहलाते हैं।
Ans. एरोमेटिक एमीन दो प्रकार के होते हैं।
Ans. एमीन जिसमें N-परमाणु, एरिल समूह से सीधे बंधित हो, एरोमेटिक एमीन कहलाते हैं।
Ans. एमीन जिसमें N-परमाणु एरिल समूह की एल्किल शाखा से बंधित हो, एरिल एल्किल कहलाते हैं।
Ans. एलिफैटिक एमीन जिनमें 4 या 4 से अधिक कार्बन हो श्रृंखला समावयवता प्रदर्शित करते हैं।
Ans. स्थिति समावयवता कार्बन श्रृंखला में -NH2 समूह की विभिन्न स्थितियों के कारण होती है।
Ans. समान आणविक सूत्र से संभव प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एमिनो द्वारा क्रियात्मक समूह समावयवता प्रदर्शित की जाती है।
Ans. द्वितीयक एवं तृतीयक एमीन मध्यावयवता प्रदर्शित करते हैं।
Ans. 3731K पर सोल बंद नलिका में एल्किल हैलाइड एवं अमोनिया के जलीय या एल्कोहालिक विलयन को गर्म करने पर तीन प्रकार के एमीन प्राप्त होते हैं।
Ans. तृतीयक एमीन पुनः मेथिल आयोडाइड से अभिकृत होकर चतुष्क अमोनियम लवण बनाता है।
Ans. यदि नाइट्राइल का अपचयन सोडियम तथा एल्कोहाॅल की उपस्थिति में किया जाए तो यह अभिक्रिया मेंडियस अपचयन कहलाती है।
Ans. कार्बोनिल यौगिकों की अमोनिया से क्रिया के द्वारा प्राप्त इमीन निकल की उपस्थिति में हाइड्रोजनीकरण कराने पर प्राथमिक एमीन प्राप्त होता है।
Ans. अम्ल क्लोराइड विधि का प्रयोग प्राथमिक एमीन बनाने में किया जाता है।
Ans. नाइट्रो यौगिकों पर सामान्य ताप पर सूक्ष्म विभाजित रैनी निकल, प्लेटिनम अथवा पैलेडियम की उपस्थिति में H2 गैस प्रवाहित करने से एमीन यौगिक प्राप्त होता है।
Ans. प्राथमिक और द्वितीयक एमीन एल्किल हैलाइड से अभिकृत होकर तृतीयक एमीन बनाते हैं एवं तृतीयक एमीन अंत में अभिकृत होकर चतुष्क अमोनियम लवण बनाते हैं।
Ans. प्राथमिक एलिफैटिक एमीन नाइट्रस अम्ल से अभिकृत होकर एल्कोहल व N2 बनातें है।
Ans. द्वितीयक एलिफैटिक एमीन नाइट्रिक अम्ल से क्रिया करके नाइट्रोसो एमीन बनाते हैं।
Ans. तृतीयक एलिफैटिक एमीन, नाइट्रिक अम्ल से क्रिया करके नाइट्राइट बनाती है।
Ans. नाइट्रोसिल क्लोराइड का दूसरा नाम टिल्डेन अभिकर्मक है।
Ans. ऐमिनों का उपयोग मैथिल ऐमीन प्रशीतक के रूप में तथा ऐमीन फोटोग्राफिक डेवलपरों में होता है।
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