कृषि विज्ञान प्रश्न उत्तर part 11 |कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NIIT में पूछे जाने वाले सामान्य कृषि विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | कृषि विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्नोत्तरी
कृषि विज्ञान प्रश्न उत्तर part 11
Ans. राष्ट्रीय मधुमक्खी अनुसंधान संस्थान पुणे (महाराष्ट्र) में स्थित है।
Ans. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान हरियाणा में स्थित है।
Ans. केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर में स्थित है।
Ans. केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हरियाणा में स्थित है।
Ans. केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान उत्तर प्रदेश में स्थित है।
Ans. Ans. केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान राजस्थान में स्थित है।
Ans. राष्ट्रीय याक अनुसंधान केंद्र अरुणाचल प्रदेश में स्थित है।
Ans. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हरियाणा में स्थित है।
Ans. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र उत्तर प्रदेश में स्थित है।
Ans. राष्ट्रीय चमड़ा अनुसंधान केंद्र तमिलनाडु में स्थित है।
Ans. कृषि विज्ञान की शाखाएं 5 होती है।
Ans. शस्य विज्ञान में कृषि फसलों तथा मृदा प्रबंधों का अध्ययन किया जाता है।
Ans. कीट विज्ञान में फसलों पर लगने वाले कीटों एवं उनकी रोकथाम के उपाय का अध्ययन किया जाता है।
Ans. पादप रोग विज्ञान में फसलों में लगने वाली बीमारियां तथा उनके रोकथाम का अध्ययन किया जाता है।
Ans. मृदा संरक्षण में मृदा को अपरदन से तथा उसकी उर्वरा शक्ति को नष्ट होने से बचाने के बारे में अध्ययन किया जाता है।
Ans. कृषि अभियंत्रण में कृषि कार्यों में प्रयुक्त मशीनों का तथा कल-पुर्जों के बारे में अध्ययन किया जाता है।
Ans. इस कृषि में वन के किसी खंड को साफ करके वृक्षों तथा झाड़ियों को जला दिया जाता है उसके बाद उस पर खेती की जाती है भूमि की उर्वरता समाप्त होने पर उस स्थान को छोड़ दिया जाता है, इसे स्थानांतरित कृषि कहते हैं।
Ans. इसमें एक निश्चित स्थान पर स्थाई रूप से बस कर कृषि की जाती है यह विश्व में सबसे अधिक की जाने वाली कृषि है।
Ans. ऐसे कृषि जो संपूर्ण रूप से खेती करने वाले परिवार के लिए की जाती है।
Ans. जीविका कृषि के अंतर्गत धान, गेहूं, ज्वार, मक्का, सोयाबीन, साग-सब्जी आदि की कृषि की जाती है।
Ans. इस प्रकार की खेती में अधिकाधिका उत्पादन प्राप्त करने के उद्देश्य से की जाती है।
Ans. गहन कृषि में अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरक, सिंचाई, हरि उर्वरक, अच्छे किस्म के बीज तथा कीटनाशक खाद आदि का प्रयोग किया जाता है।
Ans. इस प्रकार की कृषि में कृषि कार्यों के साथ-साथ पशुपालन का कार्य भी किया जाता है।
Ans. यह पूर्णतः व्यापारिक उद्देश्य से की जाने वाली कृषि है, जिसमें नगदी फसलों का उत्पादन किया जाता है इसमें बड़े-बड़े फोर्मों की स्थापना करकें कारखानों की भांति किसी एक फसल विशेष की खेती की जाती है।
Ans. बागानी कृषि के उदाहरण रबड़, कोको, कहवा, चाय तथा कपास आदि है।
Ans. इस प्रकार की कृषि है जिसमें दूध देने वाले पशुओं के प्रजनन एवं उनके पालन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
Ans. व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली सब्जियों एवं फलों-फूलों कृषि जिसमें परिवहन के लिए ट्रकों का अधिक उपयोग किया जाता है।
Ans. व्यापारिक स्तर पर शहद उत्पादन हेतु मधुमक्खी पालन करना एपीकल्चर कहलाता है।
Ans. विशेष प्रकार के वृक्षों एवं झाड़ियों की कृषि जिसमें उनका संरक्षण एवं संवर्धन भी शामिल हो आरबरी कल्चर कहलाता है।
Ans. व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली फूलों की खेती को फ्लोरीकल्चर कहते हैं।
Ans. व्यापारिक स्तर पर किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन हार्टीकल्चर कहलाता है।
Ans. यातायात के लिए उन्नत प्रजाति के घोडो़ व खच्चरों के व्यापारी का स्तर पर पालन हार्सीकल्चर कहलाता है।
Ans. व्यापारिक स्तर पर समुद्री जीवो के उत्पादन की क्रिया मेरीकल्चर कहलाती है।
Ans. विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती ओलेरी कल्चर कहलाती है।
Ans. व्यापारिक स्तर पर मछली पालन पीसी कल्चर कहलाता है।
Ans. वनों के संवर्धन एवं संरक्षण से संबंधित, सिल्वीकल्चर कहलाता है।
Ans. व्यापारी का स्तर पर की जाने वाली रेशम पालन की क्रिया जिसमें शहतूत आदि की कृषि भी शामिल होती है।
Ans. व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली अंगूर उत्पादन की क्रिया विटीकल्चर कहलाती है।
Ans. व्यापारी का स्तर पर की जाने वाली जैतून की कृषि, ओलिवीकल्चर कहलाती है।
Ans. व्यापारिक स्तर पर केंचुआ पालन, वर्मी कल्चर कहलाती है।
Ans. रेशम कीट हेतु व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली शहतूत की खेती, मोरिकल्चर कहलाता है।
Ans. जीवन चक्र के आधार पर फसल तीन प्रकार की होती है।
Ans. ऐसी फसलें जो अपना जीवन चक्र 1 वर्ष में पूरा कर लेती है, एकवर्षीय फसल कहलाती है।
Ans. वे फसलें जो अपना जीवन चक्र 2 वर्षों में पूरा करती है, द्विवर्षीय फसल कहलाती है।
Ans. ऐसी फसलें जो अपना जीवन चक्र 2 वर्ष से अधिक का समय लेती है, बहुवर्षी फसल कहलाती है।
Ans. एकवर्षीय फसल के उदाहरण धान, गेहूं, मक्का, ज्वार तथा बाजरा है।
Ans. द्विवर्षीय फसल कें उदाहरण चुकंदर है।
Ans. बहुवर्षी फसल के उदाहरण रिजका, नेपियर तथा घास हैं।
Ans. ऋतुओं के आधार पर फसल तीन प्रकार की होती है।
Ans. जून-जुलाई में बोई जाने वाली फसलें, जिनके लिए उच्च तापक्रम व आर्द्रता की आवश्यकता होती है।
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