सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर part 73 |कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर part 73
Ans. आयोडोंफार्म का गलनांक 392K होता है।
Ans. कार्बन टेट्राक्लोराइड का व्यापारिक नाम पायरीन है।
Ans. क्लोरोफॉर्म का उपयोग विलायक के रूप में, रोगाणु नाशक के रूप में तथा प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में काम आता है।
Ans. कार्बन टेट्राक्लोराइड का उपयोग आग बुझाने में, निर्जल धुलाई में, विलायक के रूप में तथा कीटाणु नाशक एवं धूमक के रूप में प्रयुक्त होता है।
Ans. यदि ऐल्किन बेंजीन की अभिक्रिया हैलोजन वाहक की अनुपस्थिति एवं सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन से करवाते हैं तो बैंजिल क्लोराइड बनती है।
Ans. एनिलीन द्वारा बेंजीन डाइएजोनियम लवण में बदला जाता है इसे “डाइएजोटीकरण” कहते हैं।
Ans. बेंजीन डाइएजोनियम क्लोराइड की क्रिया CU2Cl2 + HCl अथवा CU2Br2 + HBr से करवाने पर क्रमशः क्लोरो बेंजीन एवं ब्रोमो बेंजीन प्राप्त होती है इसे सेंडमेयर अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. बेंजीन वाष्प, वायु एवं हाइड्रोजन क्लोराइड के वाष्प के मिश्रण को कॉपर क्लोराइड उत्प्रेरक में से प्रवाहित करने पर क्लोरो बेंजीन प्राप्त होती है।
Ans. मोनो कार्बोक्सिलिक एरोमेटिक अम्लों के सिल्वर लवण को CCl4 की उपस्थिति में ब्रोमीन से अभिक्रिया कर आने पर बेंजीन प्राप्त होता है।
Ans. हैलो एरीन चार प्रकार की अभिक्रिया दर्शाता है।
Ans. इस अभिक्रिया में दो बेंजीन वलय आपस में एक सिग्मा बंध से जोड़कर डाइफेनिल का निर्माण करती है, इसे फिटिग अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. यदि यहां ऐरिल हैलाइड एवं ऐल्किल हैलाइड का मिश्रण काम में लेते हैं तो ऐल्कीन बेंजीन प्राप्त होता है तथा इस अभिक्रिया को वुर्टज फिटिग अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. यदि आयोडो बेंजीने की अभिक्रिया को कॉपर चूर्ण के साथ होती है तो भी डाइफेनिल यौगिक प्राप्त होता है इस अभिक्रिया को उलमान अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. पॉलीक्लोरो फ्लोरो एल्केनों को फ्रीऑन कहते हैं।
Ans. कार्बन परमाणुओं से जब क्लोरीन एवं फ्लोरीन जुड़कर यौगिक का निर्माण करते हैं तो इस यौगिक को क्लोरोफ्लोरोकार्बन कहते हैं।
Ans. क्लोरोफ्लोरोकार्बन को फ्रीऑन भी कहते हैं।
Ans. फ्रीऑन रंगहीन, गंधहीन, वाष्पशील द्रव होते हैं, यह अत्यधिक निष्क्रिय होते हैं एवं उच्च दाब व ताप पर भी स्थाई होते हैं।
Ans. फ्रीऑन का उपयोग अक्रिय विलायक के रूप में, रेफ्रिजरेटरों तथा एयर कंडीशनर में होता है।
Ans. ओजोन संरक्षण दिवस 16 सितंबर को मनाया जाता है।
Ans. यदि किसी मोनोहाइड्रिक एल्कोहाॅल में -OH समूह द्वितीयक या 2° कार्बन से जुड़ा होता है तो उसे द्वितीयक एल्कोहाॅल कहते हैं।
Ans. यदि किसी मोनोहाइड्रिक एल्कोहाॅल में -OH समूह प्राथमिक या 1° कार्बन से जुड़ा होता है तो उसे प्राथमिक एल्कोहाॅल कहते हैं।
Ans. मोनो हाइड्रिक एल्कोहाॅल तीन प्रकार के होते हैं।
Ans. यदि किसी मोनोहाइड्रिक एल्कोहाॅल में -OH समूह तृतीयक या 3° कार्बन से जुड़ा होता है तो उसे तृतीयक एल्कोहाॅल कहते हैं।
Ans. नामकरण की रोड पद्धति के अनुसार मोनोहाइड्रिक एल्कोहाॅल को ऐल्किन एल्कोहाॅल कहां जाता है।
Ans. नामकरण की इस पद्धति में एल्कोहाॅल को एल्केनाॅल कहा जाता है।
Ans. जब ग्रीन्यार अभिकर्मक की अभिक्रिया फाॅर्मेल्डिहाइड से कराई जाती है तो प्राथमिक एल्कोहाॅल बनता है।
Ans. ग्रीन्यार अभिकर्मक की क्रिया ऑक्सीरेन से कराने पर योगोत्पाद प्राप्त होता है जिसका अम्लीय जल अपचयन कराने पर प्राथमिक एल्कोहाॅल बनता है।
Ans. जब ग्रीन्यार अभिकर्मक की अभिक्रिया फाॅर्मेल्डिहाइड के अतिरिक्त अन्य ऐल्डिहाइड से कराने पर द्वितीयक एल्कोहाॅल बनता है।
Ans. ग्रीन्यार अभिकर्मक की अभिक्रिया फॉर्मिक अम्ल के एस्टर से कराने पर द्वितीयक एल्कोहाॅल बनता है।
Ans. कीटोन ग्रीन्यार अभिकर्मक से क्रिया कर तृतीयक एल्कोहाॅल बनता है।
Ans. तनु खनिज अम्ल की उपस्थिति में ऐस्टर के जल अपघटन द्वारा कार्बोक्सिलिकहम अम्ल व एल्कोहाॅल बनाता है।
Ans. जब एल्कोहाॅल की अभिक्रिया ऐसिड क्लोराइड या ऐनहाइड्राइट के साथ करवाई जाती है, -OH समूह का H- परमाणु एसिल समूह द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है तथा एस्टर बनते हैं यह अभिक्रिया ऐसिलीकरण कहलाती है।
Ans. यदि एसिड क्लोराइड तथा ऐनहाइड्राइड जो काम में लिए जाएं वे एसिटिल क्लोराइड तथा ऐसिटिक ऐनहाइड्राइड हो तो यह अभिक्रिया ऐसिटिली-करण कहलाती है।
Ans. एल्कोहाॅल के आधिक्य में ईथर का निर्माण 413K तापमान पर होता है।
Ans. शुष्क ZnCl2 तथा सांद्र HCl का सममोलर मिश्रण ल्यूकास अभिकर्मक कहलाता है।
Ans. मेथेनॉल का क्वथनांक 337.5K होता है।
Ans. मेथेनॉल का आपेक्षिक घनत्व 0.795 होता है।
Ans. मेथेनॉल का उपयोग पेंट, वाशिंग में विलायक के रूप में, ऐथेनॉल के विकृतिकरण में तथा कार्बनिक यौगिक के निर्माण में होता है।
Ans. मेथेनॉल का रासायनिक सूत्र CH3OH है।
Ans. एथेनॉल का दूसरा नाम अन्न एल्कोहाॅल भी है।
Ans. औद्योगिक रूप से एथेनॉल को शीरे या स्टार्च युक्त पदार्थ के किण्वन द्वारा प्राप्त किया जाता है।
Ans. गन्ने या चुकंदर के रस से शर्करा क्रिस्टल को पृथक कर लेने के बाद एक गाढे़ लाल भूरे रंग का मातृ द्रव बचा रहता है जिसे शीरा कहते हैं।
Ans. 351.2K ताप पर स्थित प्रभाज में 95.5% एथेनॉल होता है इससे परिशोधित स्पिरिट कहा जाता है।
Ans. अंकुरित जौ को पानी के साथ पीसकर छान लेते हैं छनित द्रव को माल्ट सत कहते हैं।
Ans. माल्ट सत में उपस्थित डायस्टेस एंजाइम मैश में उपस्थित स्टार्च का जल अपघटन कर देता है और माल्टोस में बदल देता है माल्टोस का यह विलयन वर्ट कहलाता है।
Ans. एथेनॉल का क्वथनांक 78.37°C है।
Ans. शत प्रतिशत शुद्ध एथेनॉल को परिशुद्ध एल्कोहाॅल कहते हैं।
Ans. एथेनॉल तथा जल का मिश्रण जो एक स्थाई तापमान 351.2K पर आसवित होता है, को परिशोधित एल्कोहाॅल कहते हैं।
Ans. पेट्रोल में बेंजीन तथा ईथर के साथ ऐथेनॉल मिलाकर शक्ति उत्पादन के लिए काम लिया जाता है इस प्रकार से प्रयुक्त ऐथेनॉल को पावर एल्कोहाॅल कहते हैं।
Ans. परिशोषित एल्कोहाॅल को पीने के आयोग्य बनाने के लिए उसमें मेथेनॉल, रंजक या पिरियड जैसे क्षार को मिला दिया जाता है, इसे विकृतकृत एल्कोहाॅल कहते हैं।
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर part 73
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