सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर part 65 |कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर part 65
Ans. एक लीटर विलियन में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या को उस विलयन की मोलरता कहते हैं।
Ans. निश्चित ताप तथा वायुमंडलीय दाब पर किसी विलायक के निश्चित आयतन में घुली हुई गैस के मानक ताप और दाब पर आयतन को उस गैस का अवशोषण गुणांक कहते हैं।
Ans. किसी द्रव के लिए वह ताप जिस पर उसका वाष्पदाब, वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है उसे क्वथनांक कहते हैं।
Ans. किसी विलायक में अवाष्पशील विलेय मिलाने पर उसका क्वथनांक बढ़ जाता है, इसे क्वथनांक में उन्नयन कहते हैं।
Ans. किसी विलायक में अवाष्पशील विलेय घोलने पर विलायक का वाष्पदाब कम हो जाता है और अब इसका वाष्प दाब ठोस विलायक के वाष्प दाब के समान, कुछ कम ताप पर होता है, अतः विलायक का हिमांक कम हो जाता है, इसे हिमांक अवनमन कहते हैं।
Ans. हिमांग अवनमन राॅस्ट कैम्फर विधि से ज्ञात किया जाता है।
Ans. वह दिल्ली जिसमें से होकर केवल विलायक के अणु गुजर सकते हैं लेकिन विलेय के बड़े अणु नहीं, उसे अर्धपारगम्य झिल्ली कहते हैं।
Ans. जब एक विलायक तथा इसमें किसी विलेय के घोलने से बना विलयन, अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक किया जाता है तो इस स्थिति में विलायक का अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा विलयन की ओर स्वतः गमन परासरण कहलाता है।
Ans. जब विभिन्न सांद्रता वाले दो विलियन अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक किये जाते हैं तो निम्न सांद्रता वाले विलयन से उच्च सांद्रता वाले विलयन की ओर विलायक के अणुओं का स्वतः गमन परासरण कहलाता है।
Ans. दिए गए ताप पर, दो विलियन, जिनका परासरण दाब समान होता है उन्हें समपरासरी विलयन कहते हैं।
Ans. वह विलयन जिसका परासरण दाब दूसरे विलयन की तुलना में अधिक होता है, उसे अतिपरासरी विलयन कहते हैं।
Ans. वह विलियन जिसका परासरण दाब, दूसरे विलयन की तुलना में कम होता है, उसे अल्पपरासरी विलयन कहते हैं।
Ans. वह अवयव जो विलयन में अधिक मात्रा में उपस्थित रहता है विलायक कहलाता है।
Ans. विलायक की किसी निश्चित मात्रा में उपस्थित विलेय की मात्रा सान्द्रता कहलाती है।
Ans. विलेय पदार्थ के भार भाग जो विलयन के 100 ग्राम भार भाग में उपस्थित हो द्रव्यमान प्रतिशतता कहलाती है।
Ans. विलेय पदार्थ के आयतन भागों की वह संख्या जो विलयन के 100 आयतन भागों में घुली हो विलियन की आयतन प्रतिशतता कहलाती है।
Ans. एक निश्चित ताप पर 100 ग्राम द्रव विलायक में ठोस की ग्रामों में अधिकतम घुलनशील मात्रा ठोस की विलेयता कहलाती है।
Ans. वे विलयन जो राउल नियम का पालन नहीं करते हैं और अवयवों के मिश्रण पर आयतन परिवर्तन, एंथैल्पी परिवर्तन प्रदर्शित करते हैं, अनादर्श विलयन कहलाते हैं।
Ans. तनुता बढ़ाने पर विलयन की मोलरता चालकता बढ़ती है।
Ans. सेल स्थिरांक KCl के जलीय विलयन की चालकता मापकर ज्ञात करते हैं।
Ans. किसी सेल के एनोड पर ऑक्सीकरण अभिक्रिया होगी।
Ans. एक फैराडे, विद्युत की उस मात्रा के बराबर होता है जो किसी पदार्थ के एख ग्राम तुल्यांक को निक्षेपित करने में प्रयुक्त होती है।
Ans. तनुता बढ़ाने पर चालकता विशिष्ट चालकत्व कम होती है।
Ans. फैराडे के प्रथम नियम का सूत्र W = ZIt है।
Ans. प्रतिरोधकता का प्रतिलोम चालकता या विशिष्ट चालकत्व कहलाता है।
Ans. तनुता बढ़ाने पर प्रबल विद्युत अपघट्यों की मोलर चालकता में वृद्धि होती है लेकिन यह वृद्धि बहुत ही कम होती है क्योंकि केवल आयनों की गति बढ़ती है।
Ans. किसी सेल के इलेक्ट्रॉडों के बीच की दूरी तथा उनके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के अनुपात को सेल स्थिरांक कहते हैं।
Ans. एक मोल इलेक्ट्रॉनों का कुल आवेश एक फैराडे के बराबर होता है।
Ans. वह सेल जो विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है उसे विद्युत अपघटनी सेल कहते हैं।
Ans. गैल्वेनिक सेल में कैथोड धनावेशित होता है।
Ans. गैल्वेनी सेल में एक स्वतः उपापचय अभिक्रिया की रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में बदलती है अर्थात् रसायनिक अभिक्रिया में विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है।
Ans. जलीय विलयन में लिथियम धातु प्रबलतम अपचायक होती है।
Ans. सेल विद्युत वाहक बल कैथोड एवं एनोड के इलेक्ट्रॉड विभवों का अंतर होता है, जब सेल में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती।
Ans. किसी धातु तथा उसके आयन के विलयन के मध्य उत्पन्न विद्युत विभवांतर तर्को इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं।
Ans. यदि लवण सेतु का प्रयोग नहीं किया जाए तो गैल्वेनी सेल, बाह्म परिपथ में कोई धारा प्रवाहित नहीं करता।
Ans. किसी विद्युत अपघट्य की अनन्त तनुता मोलर चालकता, उसके धनायन तथा ऋणायन की अननात तनुता मोलर चालकता के योग के बराबर होती है, इसे आयनों के स्वतंत्र अभिगमन का कोलराउश का नियम कहते हैं।
Ans. वह पदार्थ जिन की चालकता बहुत कम होती है उन्हें विद्युत रोधी कहते हैं।
Ans. उपापचयी अभिक्रिया में अपचयन अर्ध- अभिक्रिया के विभव को अपचयन विभव कहते हैं।
Ans. ऑक्सीकरण अर्ध-अभिक्रिया के विभव को ऑक्सीकारक विभव कहते हैं।
Ans जल तथा वायु की उपस्थिति में धातुओं की सतह पर उनके ऑक्साइड या अन्य लवणों की परत का चढ़ना संक्षारण कहलाता है।
Ans. संक्षारण दो प्रकार के होते हैं।
Ans. किसी अधिक सक्रिय धातु का उत्सर्ग इलेक्ट्रोड उपलब्ध करवाना जो स्वयः संक्षारित होकर वस्तु की रक्षा करती है, इसे कैथोडिक संरक्षण कहते हैं।
Ans. किसी धातु तथा उसके आयन के विलयन के मध्य उत्पन्न विद्युत विभवांतर को इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं।
Ans. जब किसी अर्ध सेल अभिक्रिया में 298K ताप पर प्रयुक्त सभी स्पीशीज की सांद्रता एक इकाई होती है तो इस स्थिति में इलेक्ट्रोड विभव को मानक इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं।
Ans. मानक इलेक्ट्रोड विभव को E° से दर्शाया जाता है।
Ans. वह पदार्थ जो पिघली अवस्था अथवा जलीय विलियन में विद्युत चालकत्व प्रदर्शित करते हैं इन पदार्थों को वैद्युत अपघट्य कहते हैं।
Ans. किसी पदार्थ का विद्युत रासायनिक तुल्यांक उसके तुल्यांकी भार के समानुपाती होता है।
Ans. प्रथम कोटि की अभिक्रिया की अर्धायु वेग स्थिरांक पर निर्भर करती है।
Ans. किसी अभिक्रिया का वेग अभिकारकों की सांद्रता पर निर्भर नहीं करता है तो उस अभिक्रिया की कोटि शून्य होगी।
Ans. रेडियोएक्टिव विघटन की अभिक्रिया की कोटि 1 होती है।
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