सामान्य रसायन विज्ञान gk part 72 | 50+ gk questions| कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर – सामान्य रसायन विज्ञान gk part 72
सामान्य रसायन विज्ञान gk part 72
Ans. एल्कोहाॅलों तथा फीनाॅलों के क्वथनांक अणुभार में वृद्धि के साथ बढ़ते हैं क्योंकि इससे वांडरवाल बल में वृद्धि होती है एल्कोहाॅलों में, शाखन बढ़ने के साथ-साथ क्वथनांक कम होता है क्योंकि शाखित यौगिकों का पृष्ठ क्षेत्रफल कम होता है जिससे वांडरवाल बल होता हैं।
Ans. निम्न आण्विक द्रव्यमान वाले एल्कोहाॅलों तथा फीनाॅल जल के साथ हाइड्रोजन बंध बना लेते हैं यह जल में विलेय होते हैं लेकिन एल्किल समूह जो कि जल प्रतिकर्षी होता है, का आकार बढ़ने पर जल के साथ हाइड्रोजन बंध बनाने की प्रवृत्ति कम होती है अतः जल में विलेयता भी कम हो जाती हैं।
Ans. ईथर का क्वथनांक बहुत कम होता है अतः यह वाष्पशील होता है तथा इसकी वाष्प का ज्वलन ताप भी बहुत कम होता है इसलिए यह आसानी से आग पकड़ लेता है, इसी कारण यह ज्वलनशील होता है।
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को जल के साथ उबालने पर फीनाॅल प्राप्त होता है।
Ans. सैलिसिलिक अम्ल को सोडालाइम के साथ गर्म करने पर विकार्बोक्सिलीकरण होकर फीनाॅल बनता है।0
Ans. मेथेन की क्लोरीन से सूर्य के मध्यम प्रकाश की उपस्थिति क्रिया कराते हैं तो CH3-Cl प्राप्त होता है।
Ans. ऐल्कीन पर हाइड्रोजन हैलाइड की इलेक्ट्रॉन स्नेही योगात्मक अभिक्रिया द्वारा एल्किल हैलाइड प्राप्त होता है।
Ans. पराॅक्साइड की उपस्थिति में H-Br विपरीत मार्कोनिकाॅफ नियम से क्रिया कराता है इसे पराॅक्साइड प्रभात कहते हैं।
Ans. शुष्क हैलोजन अम्लों की अभिक्रिया एल्कोहाॅलों से कराने पर ऐल्किल हैलाइड बनता हैं।
Ans. फास्फोरस पेंटाक्लोराइड तथा फास्फोरस ट्राई क्लोराइड ऐल्किन फ्लोराइड बनाते हैं।
Ans. ऐल्किन फ्लोराइड प्राप्त करने के लिए ऐल्किन आयोडाइड की अभिक्रिया AgF से करवाई जाती है तथा इस अभिक्रिया को स्वार्ट अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. प्राथमिक ऐमीन की नाइट्रोसिल क्लोराइड से क्रिया कराने पर ऐल्किन क्लोराइड बनता है।
Ans. जब सोडियम सल्फाइड अथवा सोडियम मर्केप्टाइट ऐल्किन हेलाइड से अभिक्रिया करते हैं तो थायो ईथर प्राप्त होता है
Ans. सोडियम या पोटैशियम हाइड्रोजन सल्फाइड जब ऐल्किन हैलाइड से क्रिया करते हैं तो एल्केन थायोल प्राप्त होता है।
Ans. जब अम्लों के सिल्वर लवणों की अभिक्रिया ऐल्किन हैलाइड से कराते हैं तो एस्टर का निर्माण होता है।
Ans. एल्कोहाॅली जब ऐल्किन हैलाइड से अभिक्रिया करता है तो ऐल्किल साइनाइड का निर्माण होता है।
Ans. जब AgCN की क्रिया ऐल्किन हैलाइड से कराते हैं तो ऐल्किल आइसोसायनाइड का निर्माण होता है।
Ans. ऐल्किल हैलाइड की जलीय KOH जलीय AgOH, जलीय Ag2O इत्यादि से क्रिया कराने पर एल्कोहाॅल बनता है।
Ans. जब सोडियम या पोटेशियम नाइट्राइट ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया करते हैं तो ऐल्किल नाइट्राइट बनता है।
Ans. सिल्वर नाइट्राइट जब ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया करता है तो नाइट्रो ऐल्केन प्राप्त होता है।
Ans. जब शुष्क सिल्वर ऑक्साइड ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया करता है तो ईथर प्राप्त होता है।
Ans. ऐल्किल हैलाइडों को एल्कोहाॅली अमोनिया के साथ बंद नली में गर्म करने पर अमोनिया का ऐल्किलकरण होकर ऐमिनों का मिश्रण प्राप्त होता है।
Ans. जब ऐल्किल हैलाइड निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में बेंजीन से अभिक्रिया करते हैं तो ऐल्किल बेंजीन प्राप्त होता है।
Ans. एरोमेटिक निकाय में यदि कार्बन पर धन आवेश होता है अर्थात् एरोमेटिक निकाय के कार्बोनियम आयन को ऐरिनियम आयन कहते हैं।
Ans. इन अभिक्रियाओं में किसी अणु से दो परमाणुओं अथवा दो समूहों का विलोपन होता है एवं अणु में असंतृप्त बंध बनता है तो इन्हें विलोपन अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. ऐल्किल हैलाइड की क्रिया ईथर विलयन की उपस्थिति में लीथियम से करवाने पर ऐल्किन लिथियम प्राप्त होता है।
Ans. हैलोऐल्केन जिंक धातु से क्रिया करके डाइऐल्कीन जिंक बनाता है।
Ans. शुष्क ईथर विलयन की उपस्थिति में जब Mg धातु ऐल्किन हैलाइड से क्रिया करता है तो ग्रीन्यार अभिकर्मक प्राप्त होता है।
Ans. जब ऐथिल ब्रोमाइड लैड सोडियम मिश्र धातु से क्रिया करता है तो टेट्रा ऐथिललैड प्राप्त होता है।
Ans. किसी ऐल्केन के दो हाइड्रोजन परमाणु हैलोजन परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित कर दिये जाने पर प्राप्त यौगिक डाइहैलोजन व्युत्पन्न कहलाता है।
Ans. डाइहैलोजन व्युत्पन्न को तीन भागों में बांटा गया है।
Ans. दोनों हैलोजन परमाणु एक ही कार्बन पर जुड़े हो तो डाइहैलोजन जैम डाइहैलोजन कहलाते हैं।
Ans. CCl4 की उपस्थिति में ऐल्कीन की हैलोजन से अभिक्रिया कराते हैं तो विस डाइहैलोजन बनते हैं।
Ans. एल्कोहाॅली KOH से अभिक्रिया करके संगत ऐल्काइन का निर्माण करते हैं।
Ans. ट्राई हैलोजन व्युत्पन्नों में क्लोरोफॉर्म एवं आयोडोंफार्म दो महत्वपूर्ण यौगिक हैं जिन्हें हैलोफार्म कहते हैं।
Ans. जब ऐथिल एल्कोहल अथवा ऐसीटोन को विरंजक चूर्ण तथा जल के साथ गर्म करते हैं तो क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है यह अभिक्रिया हैलोफार्म अभिक्रिया कहलाती है।
Ans. क्लोरोफॉर्म को NaOH के तनु विलियन से धोकर एवं निर्जल CaCl2 से सुखा कर पुनः आसवित करने पर शुद्ध क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है।
Ans. Fe + H2O की सहायता से कार्बन टेट्राक्लोराइड का आंशिक अपचयन करने पर क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है।
Ans. क्लोरल हाइड्रेट की अभिक्रिया जलीय NaOH से कराने पर यह जल अपघटित होकर क्लोरोफॉर्म बनाता है।
Ans. प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरोफॉर्म वायुमंडलीय ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर एक विषाक्त गैस कार्बोनिल क्लोराइड जिसे फाॅस्जीन भी कहते हैं, बनाता है।
Ans. ऐसीटोन क्लोरोफॉर्म के साथ योगात्मक अभिक्रिया के द्वारा KOH की उपस्थिति में क्लोरेटोन बनता है।
Ans. जलीय KOH से अभिक्रिया करके क्लोरोफॉर्म फॉर्मिक अम्ल बनाता है।
Ans. सांद्र HNO3 से क्रिया करके क्लोरोफॉर्म क्लोरोपिक्रिन बनाता है।
Ans. क्लोरोपिक्रिन एक कीटनाशी है।
Ans. क्लोरोपिक्रिन का उपयोग युद्ध गैस के रूप में किया जाता है।
Ans. सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन से क्रिया करके कार्बन टेट्राक्लोराइड बनाता है।
Ans. जब क्लोरोफॉर्म को प्राथमिक ऐमीन तथा एल्कोहाॅली KOH के साथ गर्म करते हैं तो अरुचिकर गंध युक्त आइसोसायनाइड बनता है, जिसे कार्बिल ऐमीन कहते हैं।
Ans. इस अभिक्रिया में प्राथमिक एमीन एवं क्लोरोफॉर्म का परीक्षण किया जाता है अतः इसे आइसोसायनाइड परीक्षण कहते हैं।
Ans. क्लोरोफॉर्म व फीनाॅल को ऐल्कोहाॅली KOH के साथ गर्म किया जाता है तो सैलिसिलैल्डिहाइड बनता है।
Ans. ऐसीटोन अथवा एथिल ऐल्कोहाॅल को आयोडीन एवं NaOH के जलीय विलयन के साथ गर्म करने पर आयोडोंफार्म का पीला अवक्षेक प्राप्त होता है अभिक्रिया निम्नानुसार पूरी होती है, इस अभिक्रिया को आयोडोंफार्म अभिक्रिया कहते हैं।
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