सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 89 |कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 89
Ans. वे रसायन जो जीवाणओं, कवक एवं फफूंद द्वारा उत्पन्न होते हैं और मनुष्य व अन्य जीवों के शरीर में संक्रामक रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोक देते हैं या उन्हें नष्ट कर देते हैं, प्रतिजैविक कहलाते हैं।
Ans. सर्वप्रथम 19वीं सदी में जर्मन जीवविज्ञान पाॅल एर्डिश ने सिफलिस के इलाज के लिएआर्सफेनेपीन बनाई जिसे सैल्वरसैंन कहा जाता है।
Ans. प्राॅन्टोसिल की क्रियाशीलता इसमें स्थित P-एमीनों बेंजीन सल्फोनामाइड भाग द्वारा होती है।
Ans. प्रतिजैविक का नाम पेनिसिलिन रखा गया।
Ans. पेनिसिलिन की खोज 1929 में हुई।
Ans. पेनिसिलिन की खोज अलेक्जैण्डर फ्लेमिंग ने की।
Ans. पेनिसिलिन की खोज फफूंद पेनिसिलियम नोटेटम से की गई।
Ans. अलेक्जैण्डर फ्लेमिंग को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार 1945 में दिया गया।
Ans. प्रतिजैविक दो प्रकार के होते हैं।
Ans. जीवाणुनाशी सूक्ष्म जीवाणुओं को मारते हैं।
Ans. जीवाणु विरोधी सूक्ष्म जीवाणुओं पर निरोधक प्रभाव डालते हैं।
Ans. जीवाणु दो प्रकार के होते हैं।
Ans. सूक्ष्म जीवाणुओं की वह परास जिस पर प्रतिजीवाणु प्रभावकारी होते हैं, स्पैक्ट्रम कहलाते हैं।
Ans. प्रतिजीवाणु तीन प्रकार के होते हैं।
Ans. वे प्रतिजीवाणु जो ग्रेम पॉजिटिव तथा ग्रेम नेगेटिव दोनों प्रकार के जीवाणुओं के विस्तृत परास का विनाश करते हैं या निरोध करते हैं उन्हें विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रति जीवाणु कहते हैं।
Ans. वे प्रतिजीवाणु ग्रेम पॉजिटिव एंड ग्रेम नेगेटिव जीवाणुओं के प्रति प्रभावकारी होते हैं उन्हें संकीर्ण स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु कहते हैं।
Ans. वे प्रतिजीवाणु एक जीव या रोग पर प्रभावी होते हैं उन्हें सीमित स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु कहते हैं।
Ans. कुल 6 प्रकार की प्राकृतिक पेनिसिलिन विलगित की जा चुकी है।
Ans. सर्वाधिक प्रयुक्त पेनिसिलिन-G होती है।
Ans. पेनिसिलिन के दो नवीन अर्द्धसंश्लेषित रूप है।
Ans. पेनिसिलिन का उपयोग न्यूमोनिया, ब्राॅन्काइटिस के उपचार में किया जाता है।
Ans. क्लोरेम्फेनिकाॅल का दूसरा नाम क्लारोमाइसेटिन है।
Ans. क्लोरेम्फेनिकाॅल का उपयोग पेचिश, निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, टाइफाइड आदि तीव्र संक्रमण में किया जाता है।
Ans. स्ट्रेप्टोमाइसिन का उपयोग मस्तिष्क व निमोनिया के उपचार में तथा तपेदिक के उपचार में किया जाता है।
Ans. आॅरियोमाइसिन का उपयोग नेत्र संक्रमण के उपचार में किया जाता है।
Ans. टेरामाइसिन का उपयोग टाइफाॅयड के उपचार में किया जाता है।
Ans. कोकाई संक्रमण से होने वाले रोगों के उपचार में सल्फा औषधियों का उपयोग किया जाता है।
Ans. वे रसायन जो हानिकारक सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकते हैं या उन्हें नष्ट करते हैं तथा जीवित उत्तकों को हानि नहीं पहुंचाते हैं, पूर्तिरोधी कहलाते हैं।
Ans. पूर्तिरोधी का उपयोग त्वचा के कटने या घाव होने पर शरीर में बैक्टीरिया द्वारा अपघटन से उत्पन्न गंध को कम करने के लिए आदि में किया जाता है।
Ans. माउथवॉश, टूथपेस्ट, टूथपाउडर, चेहरे के पाउडर आदि में पूर्तिरोधी मिलाया जाता है।
Ans. साबुन में पूर्तिरोधी गुण डालने के लिए बाईथायोनल मिलाया जाता है।
Ans. आयोडीन का एल्कोहल तथा पानी के मिश्रण में 2-3% विलयन, आयोडीन का टिंक्चर कहलाता है।
Ans. बोरिक अम्ल का तनु जलीय विलयन आंखों के लिए दुर्बल पूर्तिरोधी होता है।
Ans. वे रसायन जो एलर्जी के उपचार में प्रयुक्त होते हैं प्रति एलर्जी औषधियां कहलाती है।
Ans. एलर्जी का कारण हिस्टेमीन नामक रसायन होता है।
Ans. हिस्टेमीन त्वचा, फेफड़े यकृत के ऊत्तक व रक्त में उपस्थित होता है।
Ans. हिस्टैमीन, α-एमीनो अम्ल हिस्टीडीन के विकार्बोक्सिलीकरण द्वारा उत्पन्न होता हैं।
Ans. प्रतिएलर्जी औषधियँ चुंकि हिस्टैमीन के विरुद्ध कार्य करती है अतः इन्हें प्रतिहिस्टैमीन कहते हैं।
Ans. प्रतिएलर्जी औषधियां शरीर पर दाने, खुजली, जलन, छींक, नाक बहना, आंख, नाक, गले में खुजली से आराम दिलाती है।
Ans. प्रतिएलर्जी औषधियों का उपयोग टेबलेट या विलयन के रूप में किया जाता है।
Ans. वे रसायन जो जनन-उत्पादकता को कम करने के लिए प्रयुक्त होते हैं प्रतिनिश्चेतक औषध कहलाते हैं।
Ans. प्रतिनिश्चेतक औषधियों में संश्लेषित हार्मोन एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टेराॅन के व्युत्पन्न होते हैं।
Ans. प्रतिनिश्चेतक औषधियों महिलाओं में मानसिक चक्र एवं अण्ड निर्माण को नियंत्रित करती है।
Ans. नोवएस्ट्राॅल एक एस्ट्रोजन व्युत्पन्न है।
Ans. एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन के फ्लोर व्युत्पन्नों का उपयोग प्रयोगशालाओं में प्रतिनिश्चेतक के रूप में किया जाता है।
Ans. मटर के तेल में मेटाजाइलो हाइड्रोक्विनाॅन पाया जाता है।
Ans. वे रसायन जिनका उपयोग अमाशय की अम्लीयता को कम करने के लिए किया जाता है प्रतिअम्ल औषधियां कहलाता है।
Ans. प्रति अम्ल की प्रकृति क्षारीय होती है।
Ans. अतिअम्लता के उपचार में सिमेटिडीन तथा रैनिटिडीन का उपयोग किया जाता है।
Ans. प्रतिअम्ल के उदाहरण मिल्क ऑफ मैग्नीशिया, मैग्निशियम कार्बोनेट, मैग्निशियम ट्राइसिलीकेट, एल्यूमीनियम हाइड्रोक्साइड जैल, सोडियम बाइकार्बोनेट, एलुमिनियम फास्फेट आदि है।
Over more GK questions-
- स्वतंत्र प्रांतीय राज्यों के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर part 3.
- स्वतंत्र प्रांतीय राज्यों के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर part 2.
- सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग-91
- सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग-90
- स्वतंत्र प्रांतीय राज्यों के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर part 1.
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 89