सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 87 | कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 87
Ans. सापेक्ष विन्यास के लिए संदर्भ के रूप में से ग्लिसरैल्डीहाइड को आधार बनाया गया है।
Ans. रेसीमिक मिश्रण के वियोजन में प्रभाजी आसवन विधि प्रयुक्त नहीं की जा सकती है।
Ans. ऐथेन की सांतरित अवस्था में हाइड्रोजन व मेंथिल समूह के बीच का कोण 60° होता है।
Ans. 4-क्लोरोब्यूटेन-1-ऑल यौगिक त्रिविम समावयवता प्रदर्शित नहीं करता हैं।
Ans. कार्बन की समचतुष्फलकीय प्रकृति लीवेल और वान्ट होफ नें की थी।
Ans. ध्रुवित प्रकाश का घूर्णन पोलेरोमीटर से मापा जा सकता है।
Ans. n-प्रोपिल एल्कोहाॅल और आइसोप्रोपिल एल्कोहाॅल में स्थान समावयवता होती है।
Ans. C2H5-O-C2H5 तथा CH3-O-C3H7 में मध्यावयवता होती है।
Ans. मध्यावयवता ईथर में पाई जाती है।
Ans. C4H11N सूत्र के प्राथमिक ऐमीन समावयवियों की संख्या चार होती है।
Ans. स्थान समावयवता ऐल्कीन प्रदर्शित करते हैं।
Ans. टार्टरिक अम्ल के प्रकाशित समावयवियों की संख्या तीन होती है।
Ans. C3H6Cl2 के संभावित समावयवियों की संख्या चार होती है।
Ans. एसिटिक अम्ल मैथिल फॉर्मेट का समावयवी है।
Ans. यौगिक CH3-CH(OH)CH(OH)COOH के प्रकाशिक समावयवियों की संख्या चार है।
Ans. ध्रुवण घूर्णकता प्रदर्शित करने वाले यौगिक किरेल है।
Ans. C6H14 अणु सूत्र के समावयवियों की संख्या पांच होती है।
Ans. C4H10O सूत्र द्वारा प्रदर्शित समावयवी एल्कोहाॅल की संख्या 4 हैं।
Ans. समतल ध्रुवित प्रकाश का संचरण जिस तल में होता है उसे ध्रुवण तल कहतें हैं।
Ans. किसी अणु में तीन प्रकार के सममिति तत्व उपस्थित होते हैं।
Ans. वे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान हों लेकिन उनके भौतिक एवं रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न हो, उन्हें समावयवी कहते हैं तथा यह परिघटना समावयवता कहलाती है।
Ans. वे यौगिक जिनमें विभिन्न परमाणुओं या समूहों की व्यवस्था तो समान होती है परंतु उनकी आकाशीय व्यवस्थाएं भिन्न-भिन्न होती है, उन्हें त्रिविम समावयवता कहते हैं तथा यह परिघटना को त्रिविम समावयवता कहलाता है।
Ans. वे यौगिक जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को बाएं या दाएं घुमा सकते हैं उन्हें प्रकाशिक सक्रिय यौगिक कहते हैं तथा यौगिकों के इस गुण को प्रकाशिक सक्रियता कहते हैं।
Ans. प्रकाशिक समावयवता के लिए यौगिक का असममित होना आवश्यक है अर्थात् यौगिक में न्यूनतम एक असममित होना चाहिए जो कि चार भिन्न-भिन्न परमाणुओं अथवा समूहों से जुड़ा होता है।
Ans. जब किसी यौगिक में एक कार्बन से जुड़े सभी परमाणु तथा समूह भिन्न भिन्न होते हैं तो इस कार्बन परमाणु को त्रिविम केंद्र कहते हैं।
Ans. वे प्रकाशिक समावयवी, जिन्हें एक दूसरे पर अध्यारोपित नहीं किया जा सकता तथा जो एक दूसरे के दर्पण प्रतिबिंब होते हैं उन्हें प्रतिबिंब रूप समावयवी कहते हैं।
Ans. वह प्रकाश जो एक निश्चित तल में कंपन करता है उसे समतल ध्रुवित प्रकाश कहते हैं।
Ans. सामान्य प्रकाश को निकोल प्रिज्म में से गुजारने पर समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त होता है।
Ans. वे यौगिक जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल की ध्रूर्णिता करते हैं ध्रुवण घूर्णक यौगिक कहलाते हैं तथा यौगिकों की इस प्रवृत्ति को ध्रुवण घूर्णकता कहते हैं।
Ans. यह गुण उन यौगिकों में पाया जाता है जिनमें असममित कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं।
Ans. यौगिकों के मीसो रूप सममिति कल के ऊपरी तथा निचले हिस्सों के घूर्णन बराबर व विपरीत दिशा में होने के कारण यह यौगिक प्रकाशिक सक्रिय होते हैं इसे आंतरिक प्रतिकार कहते हैं।
Ans. किसी प्रकाशिक सक्रिय यौगिक के d या l प्रतिबिंब समावयवी रूपकों को उनके प्रकाशिक अक्रिय रेसेमिक मिश्रण में बदलने की प्रक्रिया को रेसीमीकरण कहते हैं।
Ans. वे प्रकाशिक समावयवी जो एक-दूसरे के दर्पण प्रतिबिंब नहीं होते हैं उन्हें विवरिम समावयव कहते हैं।
Ans. मीसो टार्टरिक अम्ल में सममिति तल पाया जाता है।
Ans. समपक्ष समावयवी का द्विध्रुव आघूर्ण विपक्ष समावयवी से अधिक होता है।
Ans. मैलेइक अम्ल 140° पर तथा फ्यूमेरिक अम्ल 270°C पर निर्जलीकृत होकर मेलेइक एनहाइड्राइड बनाता है।
Ans. जिस विन्यास को अन्य यौगिकों की तुलना करने के लिए सापेक्ष विन्यास के रूप में मानक माना गया था उसे ही उसका वास्तविक अथवा निरपेक्ष विन्यास कहा जाता है।
Ans. वे योगिक जिनमें प्रतिबंधित घूर्णन के कारण भिन्न-भिन्न परमाणुओं या समूहों के त्रिविम में दो भिन्न-भिन्न विन्यास प्राप्त होते हैं, उन्हें ज्यामितीय समावयवी कहते हैं तथा इस परिघटना को ज्यामितीय समावयवता कहते हैं।
Ans. ज्यामितीय समावयवता ऐल्कीन ऐल्डाॅक्सिम तथा साइक्लोरोऐल्केन के व्युत्पन्नों में पाई जाती है।
Ans. प्रकाशिक समावयवता की संकल्पना सर्वप्रथम लुई पाश्चर ने दी थी।
Ans. प्रकाशिक समावयवता की संकल्पना सर्वप्रथम 1848 में दी गई थी।
Ans. वे कार्बनिक यौगिक जिनके भौतिक व रासायनिक गुण समान होते हैं परंतु उनका व्यवहार समतल ध्रुवित प्रकाश के प्रति व्यवहार भिन्न भिन्न होते हैं
Ans. वह पदार्थ जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को दाएं और या घड़ी की सुई की दिशा में अर्थात् दक्षिणावर्त घुमाते हैं दक्षिण ध्रुवन घूर्णन कहलाते हैं।
Ans. नवीन परंपरा के अनुसार दक्षिण ध्रुवन घूर्णन पदार्थ के नाम से पहले (+) का चिन्ह लिखते हैं।
Ans. समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को बाई और अर्थात् वामार्वत घुमाने वाले पदार्थ वाम ध्रुवन घूर्णन कहलाते हैं।
Ans. वाम ध्रुवन घूर्णन पदार्थ के नाम से पहले (-) का चिन्ह लिखते हैं।
Ans. एक वर्णी श्वेत प्रकाश को प्रिज्म से गुजारने पर वह सात रंगों में व्यस्त हो जाता है, जिसे वर्ण विक्षेपण कहते हैं।
Ans. यदि समस्त दिशाओं में कंपन करने वाले सामान्य प्रकाश की एक किरण के मार्ग में निकाॅल फ्रिज में रख दिया जाए तो बाहर निकलने वाली प्रकाश किरण केवल एक ही तल में कंपन करती हुई आगे बढ़ती है जिसे समतल ध्रुवित प्रकाश कहते हैं।
Ans. जिस तल में ध्रुवित प्रकाश कंपन करता है उसे ध्रुवण तल कहते हैं।
Ans. वह कोण जिस पर समतल ध्रुवित प्रकाश घूर्णित होता है उसे ध्रुवण कोण कहते हैं।
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सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 87