सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 78 |कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 78
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को एनीलिन एवं नाइट्रस अम्ल की क्रिया द्वारा 273-278K ताप पर बनाया जाता है।
Ans. इस अभिक्रिया में एमीनो समूह का डाइऐजो समूह द्वारा विस्थापन होता है और डाइऐजोनियम लवण बनता है अतः यह अभिक्रिया डाइऐजोटीकरण कहलाती है।
Ans. जब बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड, Cu2Cl2 एवं HCl तथा Cu2Br2 एवं HBr के साथ अभिक्रिया करता है तो -N2Cl समूह क्रमशः -Cl अथवा -Br समूह द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है, यह अभिक्रिया सैंडमेयर अभिक्रिया कहलाती है।
Ans. जब बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड की अभिक्रिया फ्लुओबोरिक अम्ल से कराते हैं तो बेंजीन डाइऐजोनियम फ्लोरोबोरेट अवक्षेपित हो जाता है जो गर्म करने पर अपघटित हो कर फ्लोरा बेंजीन देता है यह अभिक्रिया बाल्ज शीमान अभिक्रिया कहलाती है।
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम लवण को पोटेशियम विलयन के साथ उबालने पर आयोडोबैंजीन प्राप्त होता है।
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को ताम्र चुर्ण युक्त जलीय सोडियम नाइट्राइट से क्रिया कराने पर नाइट्रोबेंजीन प्राप्त होती है।
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड का जल वाष्प के साथ आसवन कराने पर फीनाॅल प्राप्त होता है।
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड की अभिक्रिया क्यूप्रस सायनाइड के साथ कराने पर सायनों बेंजीन बनता है।
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड की क्रिया पोटेशियम हाइड्रोसल्फाइड से कराने पर थायो फीनाॅल बनता है।
Ans. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड का अपचयन SnCl2 एवं HCl के साथ कराने पर फेनिल हाइड्रोजीन बनता है।
Ans. क्षारीय माध्यम में बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड की क्रिया बेंजीन से कराने पर डाई फेनिल प्राप्त होता है।
Ans. CH3CN का IUPAC नाम एसीटोनाइट्राइल है।
Ans. CH3CH2CN का IUPAC नाम प्रोपिऑन नाइट्राइल है।
Ans. CH3CH2CH2CN का IUPAC नाम ब्युटिरो नाइट्राइल है।
Ans. एल्किल हैलाइड को ऐथेनॉल की अल्प मात्रा में घोलकर जलीय KCN विलयन के साथ गर्म करने पर एल्किल सायनाइड प्राप्त होता है।
Ans. एल्किल हैलाइड को ऐथेनॉल की अल्प मात्रा में घोलकर जलीय KCN विलयन के साथ गर्म करने पर एल्किल आयसो सायनाइड प्राप्त होता है।
Ans. अम्ल एमाइड का निर्जलीकरण फास्फोरस पेंटाक्साइड अथवा थायोनिल क्लोराइड से करने पर एल्किल सायनाइड प्राप्त होता है।
Ans. एल्डोक्सिम, एमाइड के क्रियात्मक समूह समावयवी होते हैं जिनका निर्जलीकरण फास्फोरस पेंटाक्साइड से करने पर एल्किल सायनाइड प्राप्त होता है।
Ans. ग्रीन्यार अभिकर्मक की क्रिया सायनोजन क्लोराइड से कराने पर एल्किल सायनाइड प्राप्त होता है।
Ans. प्राथमिक एमीन की क्लोरोफॉर्म से पोटेशियम हाइड्रोक्साइड की उपस्थिति में क्रिया कराने पर एल्किन आइसोसायनाइड प्राप्त होता है।
Ans. LiAlH अथवा सोडियम एवं एथिल एल्कोहाॅल की उपस्थिति में एल्किल सायनाइड के अपचयन से प्राथमिक एमीन का निर्माण, मेंडियस अपचयन कहलाता है।
Ans. एल्किल आइसोसायनाइड, हैलोजन, सल्फर, ओजोन, मरक्यूरिक ऑक्साइड से क्रिया कर योगात्मक यौगिक बनाते हैं।
Ans. एल्किल आइसो सायनाइड को बहुत समय तक गर्म करने पर यह अधिक स्थाई एल्किल सायनाइड में परिवर्तित हो जाता है।
Ans. व्होलर नें यूरिया को अकार्बनिक यौगिकों से बनाया था।
Ans. प्रयोगशाला में द्रवित अमोनिया की क्रिया कार्बोनिल क्लोराइड अथवा एथिल कार्बोनेट अथवा एथिल युरिथेन से कराने पर यूरिया प्राप्त होता है।
Ans. यूरिया का गलनांक 132°C है।
Ans. फास्फोरस ऑक्सी-क्लोराइड की उपस्थिति में डाइकार्बोक्सिलिक अम्लों सें अभिकृत होकर यूरिया विषम चक्रीय यौगिक बनाता है।
Ans. हाइड्रोजोन से अभिकृत होकर यूरिया, सेमीकार्बाजाइड बनाता है।
Ans. अम्ल अथवा क्षार की उपस्थिति में यूरिया का एक अणु फार्मएल्डिहाइड के दो अणु से डाई मेथिलाॅल यूरिया बनाता है।
Ans. एलिफैटिक अथवा एरोमैटिक हाइड्रोकार्बनों के एक या अधिक H- परमाणु के नाइट्रो समूह द्वारा प्रतिस्थापन पर नाइट्रो यौगिक प्राप्त होते हैं।
Ans. एलिफैटिक नाइट्रो यौगिक तीन प्रकार के होते हैं।
Ans. एल्केन वाष्प अवस्था में फ्यूमिंग HNO3 से 673K ताप पर क्रिया कर विभिन्न नाइट्रो एल्केन का मिश्रण बनाता है।
Ans. एल्किल ब्रोमाइड एवं एल्किल आयोडाइड को AgNO2 के साथ एल्कोहाॅल में क्रिया कराने पर नाइट्रो एल्केन बनता है।
Ans. एनीलीन का नाइट्रस अम्ल द्वारा डाइऐजोटीकरण करके प्राप्त लवण का ताम्र चूर्ण युक्त जलीय सोडियम नाइट्राइट से क्रिया कराने पर नाइट्रो बेंजीन प्राप्त होती है।
Ans. नाइट्रो एल्केन रंगहीन, तीक्ष्ण गंध वाले द्रव होते हैं।
Ans. नाइट्रो बेंजीन पीले रंग का द्रव है।
Ans. नाइट्रो बेंजीन की गंध कड़वे बादाम जैसी होती है।
Ans. विद्युत अपघटन अपचयन में नाइट्रो बेंजीन दुर्बल अम्ल या क्षार की उपस्थिति में पुर्नविन्यास क्रिया द्वारा पैरा एमीनो फीनॉल बनाता है।
Ans. प्राथमिक नाइट्रो एल्केन को सांद्र HCl या 85% H2SO4 के साथ गर्म किया जाए तो कार्बोक्सिलिक अम्ल एवं हाइड्रोक्सिल एमीन बनते हैं।
Ans. वह कार्बनिक पदार्थ जो सजीवों की वृद्धि, विकास और मरम्मत के लिए आवश्यक होते हैं उन्हें जैव अणु कहते हैं।
Ans. कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने की थी।
Ans. कोशिका की खोज 1665 में हुई।
Ans. जंतु कोशिका को तीन भागों में बांटा गया है।
Ans. सभी कोशिकाओं में जीव द्रव्य के चारों और विभेदी पारगम्य विद्युत आवेशित, चयनात्मक दिल्ली पाई जाती है जिसे कोशिका कला या जीव द्रव्य कला कहते हैं।
Ans. जीव द्रव्य रासायनिक पदार्थों के आवागमन का कार्य करती है।
Ans. कोशिका झिल्ली प्रोटीन एवं वसा से निर्मित दोहरी झिल्ली है।
Ans. कोशिका में उपस्थिति केंद्रक रहित जीव द्रव्य को कोशिका द्रव्य कहते हैं।
Ans. कोशिका द्रव्य में कोशिकांग जैसे माइटोकॉन्ड्रिया, राइबोसोम, लाइसोसोम, गाॅल्जी उपकरण, अन्तः प्रद्रव्यी जालिका आदि पाए जाते हैं।
Ans. जीव द्रव्य में स्थित वह भाग जो जैविक क्रियाओं को संचालित करता है, केंद्रक कहलाता है।
Ans. केंद्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की।
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 78