सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग-85 |कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 85
Ans. प्रोजेस्ट्राॅन का प्रमुख जैविक कार्य गर्भाशय को गर्भ धारण करने के लिए प्रेरित करना तथा अंडाशय की क्रियाशीलता को नियंत्रित करना है।
Ans. जरायु-जनन ग्रंथि प्रेरक हार्मोन का प्रमुख जैविक कार्य अजन्मे शिशु पर रक्षण प्रभाव करना है।
Ans. थाइमिन का प्रमुख जैविक कार्य तंत्रिका पेशियों संचरण को अवनमित करना है।
Ans. बहुलक अकार्बनिक तथा कार्बनिक दोनों ही प्रकार के अनुभव से मिलकर बने होते हैं।
Ans. बहुलक को अंग्रेजी में पॉलीमर कहते हैं।
Ans. वे संरचनात्मक ईकाईयां जिनके सहयोग से बहुलक का निर्माण होता है एकलक कहलाता है।
Ans. एकलक अणुओं के जुड़ने पर बहुलक बनने की प्रक्रिया को बहुलकन कहते हैं।
Ans. एथीन के बहुलीकरण से पॉलिथीन बनता है।
Ans. विनाइल क्लोराइड के बहुलीकरण से पॉलीविनाइल क्लोराइड बनता है।
Ans. वैभव लफ्जों प्राकृतिक रूप से प्राप्त होते हैं या प्रकृति द्वारा निर्मित होते हैं प्राकृतिक बहुलक कहलाते हैं।
Ans. प्राकृतिक बहुलक पौधों तथा जंतुओं में पाए जाते हैं।
Ans. प्राकृतिक बहुलक के उदाहरण कपास, सिल्क, ऊन, रबर, सैलूलोज है।
Ans. बहुलक जिन्हें प्रयोगशालाओं में कम भार वाले अणुओं से बनाया जाता है, उसे संश्लेषित बहुलक कहते हैं।
Ans. संश्लेषित बहुलक के उदाहरण पॉलिथीन, नायलॉन, पॉलिएस्टर, पीवीसी आदि है।
Ans. प्राकृतिक बहुलक जिन्हें रासायनिक अभिक्रिया द्वारा रूपांतरित करके सुधारा जाता है, अर्द्ध संश्लेषित बहुलक कहलाता है।
Ans. अर्द्ध संश्लेषित बहुलक के उदाहरण गन कॉटन, वल्कनीकृत रबड़, सेल्यूलोज डाई एसीटेट सेलोफेन, लेदर आदि है।
Ans. दे बहुलक जिनमें एक ही प्रकार की पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाईयां अर्थात् एकलक होते हैं, समबहुलक कहलाते हैं।
Ans. पॉलिथीन, पीवीसी आदि समबहुलक के उदाहरण हैं।
Ans. वे बहुलक जिनमें एक से अधिक प्रकार की पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाईयां अर्थात् एकलक होते हैं, सहबहुलक कहलाते हैं।
Ans. द्वि अथवा त्रि-आबंध युक्त एकलक अणु अर्थात् असंतृप्त एकलक अणुओं के पुनरावृत्त योगात्मक बहुलीकरण प्रक्रिया से योगात्मक बहुलकों का संश्लेषण होता है।
Ans. दो भिन्न अथवा त्रि-आबंध युक्त एकलक अणुओं के पुनरावृत्त संघनन बहुलीकरण प्रक्रिया से संघनन बहुलकों का संश्लेषण होता है।
Ans. रेखित बहुलक में एकलक इकाइयां परस्पर जुड़कर सीधी श्रृंखला बनाती है।
Ans. इन बहुलकों में एकलक इकाइयां परस्पर जुड़कर सीधी श्रृंखला बनाती है, जिसे मुख्य श्रृंखला कहते हैं।
Ans. मुख्य श्रृंखला से जुड़ी हुई विभिन्न लंबाई की पार्श्व श्रृंखलाएं होती है, जिन्हें शाखित श्रृंखला कहते हैं।
Ans. तिर्यकबद्ध जाल बहुलक कठोर, भंगूर तथा दृढ़ होते हैं।
Ans. प्रत्यास्थ बहुलक का दूसरा नाम सामान्य रबड़ है।
Ans. रेशे का दूसरा नाम सामान्यतः घागा भी है।
Ans. रेशे का उपयोग वस्त्र उद्योग में, पोलीएमाइड इत्यादि में होता है।
Ans. स्रोतों के आधार पर बहुलक तीन प्रकार के होते हैं।
Ans. एकलकों के आधार पर बहुलक दो प्रकार के होते हैं।
Ans. बहुलकन के प्रकार के आधार पर बहुलक दो प्रकार के होते हैं।
Ans. सूचना के आधार पर बहुलक तीन प्रकार के होते हैं।
Ans. बहुलकों का तापमान की ओर व्यवहार के आधार पर बहुलक दो प्रकार के होते हैं।
Ans. आणविक बलों के आधार पर बहुलक दो प्रकार के होते हैं।
Ans. बहुलीकरण की दो प्रमुख विधियां होती हैं।
Ans. असंतृप्त एकलक अणु परस्पर योगात्मक अभिक्रिया द्वारा बहुलक का निर्माण करते हैं तो यह प्रक्रिया योगात्मक बहुलीकरण कहलाती है।
Ans. क्रियाकारी अणु की प्रकृति के अनुसार योगात्मक बहुलीकरण दो प्रकार के होते हैं।
Ans. मुक्त मूलक एकलक अणु सें क्रिया कर एक नया और अधिक बडा़ मुक्त मूलक बनाता है इस चरण को प्रारंभिक पद कहते हैं।
Ans. जब तक की अभिक्रिया मिश्रण में एकलक अणु उपस्थित रहते हैं और जब एकलक अणु समाप्त हो जाते हैं, तब मुलक आपस में क्रिया कर उदासीन बहुलक अणु बनाते हैं इसीलिए इस चरण को श्रृंखला समापन पद कहते हैं।
Ans. श्रृंखला समापन चार प्रकार के होते हैं।
Ans. दों मुक्त मूलक युक्त बढ़ती हुई बहुलक श्रृंखलाएं आपस में संयोग करके उदासीन बहुलक अणु बनाते हैं।
Ans. हाइड्रोजन के स्थानांतरण द्वारा उदासीन अणु बनता है।
Ans. यह अभिक्रियाएं प्रोटीन अथवा लुईस अम्लों द्वारा उत्प्रेरित होती है इसीलिए इसे उत्प्रेरित बहुलक कहते हैं।
Ans. कार्बधनायन अन्य एकलक अणु से क्रिया करके नया कार्बधनायन बनाता है।
Ans. कार्बश्रृणायन अन्य एकलक अणु से क्रिया करके नया कार्बश्रृणायन बनाता है।
Ans. द्विक्रियात्मक समूह युक्त एकलकों की पुनरावृत्त वलसंघनन अभिक्रिया द्वारा संघनन बहुलकों का निर्माण होता है।
Ans. यह अभिक्रिया एक के बाद एक पद में संपन्न होती है इसलिए इस बहुलीकरण को पदशः वृद्धि बहुलीकरण कहते हैं।
Ans. एथिलीन ग्लाइकोल तथा टरथेलिक अम्ल के संघनन से डेक्रान बनता है।
Ans. डेक्रान एक पॉलिएस्टर है।
Ans. दो या दो से अधिक एकलक अथवा इकाइयां परस्पर संयुक्त होकर जो बहुलक बनाती है उसे सहबहुलक कहते हैं।
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