सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 64 | कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 64
Ans. क्रिस्टलीय ठोसों की ज्यामिती निश्चित होती है।
Ans. अक्रिस्टलीय ठोसों की ज्यामिति अनिश्चित होती है।
Ans. कांच एक अक्रिस्टलीय ठोस है तथा अक्रिस्टलीय ठोस ताप के एक निश्चित परास पर नरम हो जाते हैं और इन्हें गलाकर सांचे में ढाला जा सकता है, गर्म करने पर किसी एक निश्चित तापमान पर यह क्रिस्टलीय हो जाते हैं इसी क्रिस्टलीकरण के कारण प्राचीन सभ्यता की कांच से बनी वस्तुओं की दृश्यता में दूधियापन आ जाता है।
Ans. सोडियम धातु में, परमाणु दुर्बल धात्विक बन्ध द्वारा जुड़े होते हैं जबकि सोडियम क्लोराइड में Na+ तथा Cl- के मध्य प्रबल स्थिर वैद्युत आकर्षण बल पाया जाता है, इसी कारण सोडियम मुलायम ठोस है जबकि सोडियम क्लोराइड कठोर ठोस है।
Ans. दो विभिन्न परमाण्विक परतों के 4 परमाणु जब चतुष्फलक के रूप में व्यवस्थित होते हैं तो उनके मध्य बनी रिक्ति को चतुष्फलकीय रिक्ति कहते हैं।
Ans. FCC की एकक कोष्ठिका में चार परमाणु उपस्थित होते हैं।
Ans. CCP तथा FCC संरचना में परमाणुओं की संख्या 4 होती है।
Ans. BCC संरचना की संकुलन क्षमता 68% होती है।
Ans. BCC में 32% स्थान रिक्त होता है।
Ans. FCC संरचना की संकुलन क्षमता 74% होती है।
Ans. FCC में 26% स्थान रिक्त होता है।
Ans. अर्ध चालकों में पूरित बैंड तथा रिक्त बैण्ड के मध्य ऊर्जा अंतर बहुत कम होता है, अतः ताप बढ़ाने पर अधिक संख्या में इलेक्ट्रॉन चालक बैंड में चले जाते हैं जो कि विद्युत का चालन करते हैं, अतः ताप बढ़ाने पर अर्धचालकों की चालकता बढ़ जाती है।
Ans. जब गलित NaCl में कुछ मात्रा में गलित SrCl2 मिलाकर क्रिस्टलीकरण किया जाता है तो कुछ स्थानों पर Na+ के स्थान पर Sr2+ आ जाते हैं, इसे अशुद्धता दोष कहते हैं।
Ans. क्रिस्टल संरचना में वे दोस्त जिनके कारण तत्व या आयन रससमीकरणमिति अनुपात में नहीं रहते, उन्हें नॉनस्टाॅइकियोमीट्री दोष कहते हैं।
Ans. नॉनस्टाॅइकियोमीट्री दोष 2 प्रकार के होते हैं।
Ans. क्रिस्टलीय ठोस की प्रकृति वास्तविक ठोस होती है।
Ans. अक्रिस्टलीय ठोस की प्रकृति आभासी ठोस अथवा अतिशीतित द्रव होती है।
Ans. प्रकृति में कुल 9 प्रकार के विलयन संभव है।
Ans. विलायक के प्रति किलोग्राम में उपस्थित विलेय के मोलो की संख्या मोललता कहलाती है।
Ans. H2SO4 का 1 मोलर विलयन 2N विलयन के समान होगा।
Ans. विलियन की मोलरता 0.875 M होगी यदि उसे 750ml 0.5(M)HCl तथा 250ml 2(M)HCl विलयन को मिलाकर बनाया गया है।
Ans. परासरण की क्रिया को रोकने हेतु प्रयुक्त दाब परासरण दाब कहलाता है।
Ans. समान परासरण दाब वाले विलयन समपरासरी विलयन कहते हैं।
Ans. दो द्रवों का विलयन जो संघटन में परिवर्तन के बिना एक निश्चित ताप पर आसवित होता है, स्थिर क्वाथी मिश्रण कहलाता है।
Ans. किसी विलियन के लिए प्रावस्थाओं का मान एक होता है।
Ans. श्वसन क्रिया में गैसों के विनमय की क्रिया हेनरी के नियम पर आधारित है।
Ans. बंद पात्र में रखे किसी द्रव का वाष्प दाब ताप पर निर्भर होता है।
Ans. गैसों की प्रकृति तथा विलायक की प्रकृति, गैसों की विलेयता को प्रभावित करने वाले दो कारक है।
Ans. ठोस का ठोस में विलियन तांबे तथा सोने का मिश्रण का उदाहरण है।
Ans. वह विलयन जिसमें उसी ताप पर और अधिक विलेय घोला जा सके, उसे असंतृप्त विलयन कहते हैं।
Ans. वह विलियन जिसमें दिए गए ताप एवं दाब पर और अधिक विलेय नहीं घोला जा सके, उसे संतृप्त विलयन कहते हैं।
Ans. 100ml विलियन में घुले हुए विलेय का द्रव्यमान, द्रव्यमान-आयतन प्रतिशत कहलाता है।
Ans. द्रव्यमान-आयतन प्रतिशत का उपयोग औषधियों एवं फॉर्मेसी में किया जाता है।
Ans. चूहों के लिए जहर के रूप में सोडियम फ्लुओराइड पदार्थ का उपयोग किया जाता है।
Ans. विलयन में फ्लुओराइड आयनों की 1.0 ppm सांद्रता दंतक्षरण को रोकती है।
Ans. ताप बढ़ाने पर हेनरी स्थिरांक का मान बढ़ जाता है।
Ans. किसी विलयन के प्रत्येक वाष्पशील अवयव का आंशिक वाष्प दाब, उसके मोल- अंश के समानुपाती होता है।
Ans. गोताखोरों द्वारा श्वसन के लिए प्रयुक्त गैस का मिश्रण में 11.7% He, 56.2% N2 तथा 32.1% O2 होती है।
Ans. 0.2 मोलल विलयन का अर्थ है कि 0.2 मोल विलेय 1000g विलायक में घुला हुआ है।
Ans. विलयन का ताप बढ़ाने पर मोलरता कम हो जाती है क्योंकि विलयन का आयतन बढ़ जाता है।
Ans. एक आयतन H2O2 विलयन के वियोजन से NTP पर प्राप्त ऑक्सीजन का आयतन, इसकी आयतन सांद्रता कहलाती है।
Ans. मोलरता की तुलना में मोललता को अधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि मोललता ताप पर निर्भर नहीं करती।
Ans. एक मोलल तथा एक मोलर जलीय विलयन में से एक मोलर विलयन की सांद्रता अधिक होती है।
Ans. ताप बढ़ाने पर गैसों की द्रव में विलयेता कम हो जाती है।
Ans. गैसों के द्रव में विलेयता पर दाब बढ़ाने पर गैसों की द्रव में विलेयता बढ़ती है।
Ans. बहुत अधिक तनु विलियन, लगभग समान संरचना तथा समान ध्रुवता वाले द्रवों में आदर्श विलयन बनाने की प्रवृत्ति होती है।
Ans. वह विलन जो तक तथा सांद्रता के सभी मानव पर राउले के नियम का पालन करता है, उसे आदर्श विलयन कहते हैं।
Ans. नमक का पानी अतिपरासरी होता है, जिसके कारण यह गले में खिंचाव उत्पन्न करने वाले कारक को समाप्त कर देता है।
Ans. विलयन पर प्रयुक्त बाह्य दाब जो उसमें अर्धपारगम्य झिल्ली से विलायक के अणुओं के प्रवाह को रोकने तथा तल में साम्यावस्था स्थापित करने के लिए आवश्यक हो, उसे परासरण दाब कहते हैं।
Ans. स्थिर क्वाथी मिश्रण में उपस्थित अवयव निश्चित अनुपात में होते हैं जो कि निश्चित ताप पर एक साथ उबलते हैं, अतः इन्हें प्रभाजी आसवन द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता।
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 64