सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 63 | कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 63
Ans. किसी ठोस पदार्थ के क्रिस्टल में 14 प्रकार के त्रिविमीय जालकों का निर्माण संभव है।
Ans. फलक केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या 4 होती है।
Ans. शॉट्की दोष के कारण क्रिस्टल का घनत्व कम हो जाता है।
Ans. सोलर सेल में Si तत्व प्रयुक्त किया जाता है।
Ans. घनीय रिक्ति सबसे बड़ी होती है।
Ans. डायमंड में 50% चतुष्फलकीय रिक्तियां भरी होती है।
Ans. सोडियम क्लोराइड में Na+ आयन की समन्वय संख्या 6 होती है।
Ans. निविड संकुलित जालक में चतुष्फलकीय रिक्ति तथा परमाणु त्रिज्या का अनुपात 0.225 होता है।
Ans. क्रिस्टलीय ठोसों में अवयवी कणों की दीर्घ परासी व्यवस्था होती है।
Ans. निश्चित गलनाक वाले ठोस क्रिस्टलीय ठोस होते हैं।
Ans. अक्रिस्टलीय ठोस को आभासी ठोस या अतिशीतित द्रव भी कहा जाता हैं।
Ans. कांच एक अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इसमें प्रवाह की प्रवृत्ति होती है अतः यह एक अतिशीतित द्रव है।
Ans. वेट हो जिनके भौतिक गुण भिन्न-भिन्न दिशाओं में भिन्न भिन्न होते हैं उन्हें विषमदैशिक कहते हैं तथा इस गुण को विषमदैशिकता कहते हैं।
Ans. ध्रुवीय आण्विक ठोसों में कणों के मध्य द्विध्रुव आकर्षण बल पाए जाते हैं।
Ans. ठोस H2O तथा ठोस NH3 आण्विक ठोस है जिसमें अणु हाइड्रोजन बंध द्वारा आबंधित होते हैं।
Ans. सहसंयोजक ठोसों को विशाल अणु भी कहा जाता है।
Ans. किसी क्रिस्टल जालक का वह सबसे छोटा भाग जिसकी विभिन्न दिशाओं में पुनरावृति से संपूर्ण जालक का निर्माण होता है उसे एकक कोष्ठिका कहते है।
Ans. बोरिक अम्ल के क्रिस्टल की एकक कोष्ठिका त्रिनताक्ष होती है।
Ans. धात्विक ठोसों के रंग तथा चमक का कारण मुक्त इलेक्ट्रॉन है।
Ans. किसी ठोस में अंतराल में बिंदुओं की नियमित त्रिविमीय व्यवस्था को क्रिस्टल जालक होते हैं।
Ans. धात्विक ठोस कठोर, उच्च गलनांक युक्त तथा विद्युत के सुचालक होते हैं इनमें आघातवर्धनीयता तथा तन्यता का गुण भी होता है।
Ans. एकक कोष्ठिका की पुनरावृति से ही क्रिस्टल जालक का निर्माण होता है।
Ans. ज्यामितीय विन्यास के आधार पर क्रिस्टलों को 7 समूहों में वर्गीकृत किया गया है?
Ans. क्रिस्टल जालक में परमाणुओं के मध्य पाए जाने वाले रिक्त स्थानों को रिक्तियां कहते हैं।
Ans. काय केंद्रित घनीय संरचना की संकुलन क्षमता 68% होती हैं।
Ans. काय केंद्रित घनीय संरचना में प्रत्येक अवयव की उपसहसंयोजक संख्या 8 होती है।
Ans. Na तथा K धातु में घन संरचना पाई जाती है।
Ans. अधिकांश ठोसों को गर्म करने पर द्रव अवस्था में प्राप्त करते हैं यह प्रक्रम गलनांक कहलाते हैं।
Ans. वह ताप जो ठोस से द्रव अवस्था में प्राप्त होती है वह गलनांक बिंदु कहलाता है।
Ans ऐसे ठोस पदार्थ जिनमें अवयवी कण त्रिविम में एक निश्चित ज्यामितीय व्यवस्था में होते हैं वे क्रिस्टलीय ठोस कहलातें हैं।
Ans. ऐसे ठोस पदार्थ जिनमें अवयवी कण त्रिविम में किसी निश्चित ज्यामितीय व्यवस्था में नहीं होते हैं अक्रिस्टलीय ठोस कहलाते हैं।
Ans. निबिड़ संकुलित जालक में चतुष्फलकीय रिक्ति तथा परमाणु की त्रिज्या का अनुपात 0.225 होता है।
Ans. यदि किसी क्रिस्टल के लिए त्रिज्या अनुपात 0.225 है तो उसकी ज्यामिति चतुष्फलकीय होगी।
Ans. अष्टफलकीय रिक्ति की समन्वयी संख्या 6 होती है।
Ans. क्रिस्टलीय ठोस को पिघलाकर ठंडा करने पर ये एक स्थिर ताप पर ही जलते हैं तथा पूर्ण रूप से जमने के बाद ही ताप में परिवर्तन होता है अतः इसके शीतलन असतत होते हैं।
Ans. अध्रुवीय आण्विक ठोसों में कणों के मध्य परिक्षेपण बल या लंडन बल होता है।
Ans. किसी क्रिस्टल जालक में अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या, अवयवी कणों की संख्या के समान तथा चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या अवयवी कणों की संख्या की दुगनी होती है।
Ans. कांच अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इसमें द्रवों के समान ‘प्रवाह’ की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि यह बहुत धीमें होता है अतः इन्हें अतिशीतित द्रव माना जाता है।
Ans. CCP संरचना की एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की कुल संख्या 4 होती है।
Ans. कांच, सिलिका का अक्रिस्टलीय रूप है।
Ans. कांच का गलनांक निश्चित नहीं होता है, क्योंकि इसमें देख परासी नियमित सरंचना नहीं होती है।
Ans. क्वार्ट्ज, सिलिका का क्रिस्टलीय रूप है।
Ans. क्वार्ट्ज को तेजी से ठंडा करने पर यह कांच में परिवर्तित हो जाता है।
Ans.ध्रुवीय आणविक ठोसों में कणों के मध्य परिक्षेपण बल या लंडन बल होते हैं जो कि दुर्बल प्रकार के बल होते हैं अतः इनका गलनांक कम होता है तथा यह मुलायम होते हैं।
Ans. HCP तथा CCP संरचना की संकुलन क्षमता उच्च होने के कारण परमाणु एक दूसरे के अधिक निकट होते हैं तथा इनमें प्रबल धात्विक बन्ध होता हैं, अतः इनका गलनांक उच्च होता है।
Ans. वे पदार्थ जिनमें विद्युत का चालन आसानी से होता है, उन्हें चालक कहते हैं।
Ans. वह पदार्थ जो अपने में से विद्युत को प्रवाहित नहीं होने देते हैं, उन्हें कुचालक रहते हैं।
Ans. अर्धचालक की चालकता चालको एवं कुचालकों के मध्य होती है।
Ans. किसी पदार्थ की अवस्था अंतरा आणविक बलों तथा ऊष्मीय ऊर्जा पर निर्भर करती है।
Ans. ठोस दो प्रकार के होते हैं।
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर भाग – 63