सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर part 20 | कंपटीशन परीक्षा में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NEET में पूछे जाने वाले सामान्य रसायन विज्ञान के प्रश्न उत्तर | 11th स्टैंडर्ड के प्रश्न उत्तर | रसायन विज्ञान के संबंधित संपूर्ण प्रश्न उत्तर
सामान्य रसायन विज्ञान प्रश्न उत्तर part 20
Ans. जिस अभिक्रिया में ऊष्मा का अवशोषण होता है उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. जिस अभिक्रिया में ऊष्मा मुक्त होती है उसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं।
Ans. किसी भी रसायनिक अभिक्रिया के पुर्ण अभिकारक कुछ अतिरिक्त ऊर्जा का अवशोषण करके एक उच्चतर उर्जा अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं यह अवस्था ‘सक्रिया या उत्तेजित अभिक्रिया’ कहलाते हैं।
Ans. अभीकारकों के सक्रिय या उत्तेजित अवस्था में परिवर्तित होने के लिए अवशोषित अतिरिक्त ऊर्जा कों ‘ सक्रियण ऊर्जा’ कहते हैं।
Ans. ऊर्जा परिवर्तन के आधार पर रासायनिक अभिक्रियाओं को दो भागों में बांटा गया है।
Ans. किसी पदार्थ के एक मोल में उपस्थित सभी बंधनों को तोड़कर अणुओं को परमाणुओं में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को उस पदार्थ का ‘बंधन ऊर्जा’ कहते हैं।
Ans. बंधन ऊर्जा को ‘किलो’ जूल प्रति मोल’ में व्यक्त किया जाता है।
Ans. बंधनों का टूटना ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
Ans. बंधनों का निर्माण ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
Ans. विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत उन रासायनिक अभिक्रियाएँ जो प्रकाश ऊर्जा के अवशोषण के फल स्वरुप घटित होती है, ‘प्रकाश रसायन’ कहलाती है।
Ans. धातुओं के सांरक्षण की 2 शर्ते हैं-
ऑक्सीजन या वायु की उपस्थिति 2. वायु मैं नमी की उपस्थिति
Ans. लौह धातु पर जिंक धातु की परत बैठाने की क्रिया को गैल्वेनिकरण कहते हैं।
Ans. जो पदार्थ अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होती है उसे विलायक कहते हैं।
Ans. जो पदार्थ कम मात्रा में उपस्थित होता है उसे विलयें कहते हैं।
Ans. जल का डाई इलेक्ट्रिक नियतांक का मान अधिक होने के कारण इसे सार्वत्रिक विलायक कहते हैं।
Ans. विलायकों का उपयोग निर्जल धुलाई में, इत्र निर्माण में, इत्यादि में होता है।
Ans. किसी निश्चित ताप पर बना एक ऐसा विलियन जिसमें विलेय पदार्थ की अधिकतम मात्रा में खुली हुई हो, संतृप्त विलयन कहलाती है।
Ans. किसी निश्चित ताप पर बना एक ऐसा विलियन जिसमें विलेय पदार्थ की और अधिक मात्रा उस ताप पर घुली जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाती है।
Ans. ऐसा संतृप्त विलयन जिसमें विलेय की मात्रा उस विलयन कों संतृप्त करने के लिए आवश्यक विलेय की मात्रा से अधिक खुली हुई हो, अति संतृप्त विलयन कहलाता है।
Ans. किसी निश्चित ताप पर और दाब पर 100 ग्राम विलायक में घुलने वाली विलेय की अधिकतम मात्रा को उस विलेय पदार्थ की उस विलायक में ‘विलेयता’ कहलाती है।
Ans. किसी विलायक या विलयन की इकाई मात्रा में उपस्थित विलेय की मात्रा को ‘विलियन का सांद्रण’ कहते हैं।
Ans. जिस विलयन में विलेय की पर्याप्त मात्रा घुली हुई हो, उसे सांद्र विलयन कहते हैं।
Ans. जिस विलयन में विलेय की कम मात्रा घुली हुई हो, उसे तनु विलयन कहते हैं।
Ans. सभी तनु असंतृप्त विलयन होते हैं।
Ans. जब किसी पदार्थ के कण दूसरे पदार्थ के कणों के इर्द- गिर्द छितरा दिए जाते हैं, तो यह क्रिया परिक्षेपण कहलाती है
Ans. पहले पदार्थ को परिक्षेपण माध्यम कहा जाता है।
Ans. परिक्षेपण दो पदार्थों का निर्माण करता है।
Ans. ऐसा विलियन जिसमें हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रोक्साइड आयनों का सांद्रण समान होता है, उदासीन विलयन कहलाता है।
Ans. ऐसा विलयन जिसमें हाइड्रोजन आयनों का सांद्रण हाइड्रोक्साइड आयनों से अधिक होता है,’अम्लीय विलयन’ कहलाते हैं।
Ans. ऐसा विलियन जिसमें हाइड्रोक्साइड आयनों का सांद्रण हाइड्रोजन आयनों से अधिक होता है, क्षारीय विलयन कहलाते हैं।
Ans. “स्थिर पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके बाद का व्युत्क्रमानुपाती होता है”
Ans. ” स्थिर दाब पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके परम ताप का अनुक्रमानुपाती होता है।”
Ans. ” स्थिर आयतन पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का दाब उसके परमताप का अनुक्रमानुपाती होता है।”
Ans. “किसी पदार्थ के एक स्थिर परिमाण कें दाब, ताप और आयतन में संबंध बतलाने वाले समीकरण को उस पदार्थ का ‘अवस्था समीकरण’ कहतें है।”
Ans. ताप मापने का वह पैमाना जिसमें -270 डिग्रीC को शून्य माना जाता है ‘परम ताप पैमाना’ कहलाता है।
Ans. -273 डिग्रीC को परम ताप कहते हैं।
Ans. 0 डिग्रीC या 273K को सामान्य ताप कहते हैं।
Ans. जब बैरोमीटर में पारा की ऊंचाई 760 मिमी रहती है, तब उस वायुमंडलीय दाब को सामान्य दाब कहते हैं
Ans. घनत्व में अंतर रहते हुए भी गैसों के पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध भी परस्पर घुल मिल जाने की स्वभाविक प्रक्रिया को ‘गैसों का विसरण’ कहते हैं।
Ans. इकाई समय के किसी गैस का जितना आयतन किसी सछिद्र पात्र से होकर विसरित हो जाता है, उसे विसरण वेग कहते हैं।
Ans. इस नियम के अनुसार एक निश्चित आयतन वाले गैसीय मिश्रण का कुल दाब अवयवी गैसों के आंशिक दाबों कें योगफल के बराबर है।
Ans. समान ताप और दाब पर सभी गैसों के समान आयतनों में अणुओं की संख्या समान होती है।
Ans. रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत रासायनिक प्रतिक्रियाओं के वेग और उसकी क्रियाविधि का अध्ययन किया जाता है, रासायनिक गतिकी कहलाता है।
Ans. वेग के आधार पर रासायनिक अभिक्रिया को दों भागों में बांटा गया है।
Ans. ऐसी प्रतिक्रिया जिसमें प्रतिकारक एक ही प्रावस्था में रहता है, ‘समांगी प्रतिक्रिया’ कहलाता है।
Ans. ऐसी प्रतिक्रिया जिसमें प्रतिकारक एक से अधिक प्रावस्था में रहता है, ‘विषमांगी प्रतिक्रिया’ कहलाता है।
Ans. किसी प्रतिक्रिया में इकाई समय में हुए प्रतिकारकों या प्रतिफलों के सांद्रण कें परिवर्तन को ‘प्रतिक्रिया का वेग’ कहते हैं।
Ans. प्रतिक्रिया के वेग को प्रभावित करने वाले कारक 6 है।
Ans. रासायनिक प्रतिक्रिया है जो दोनों दिशोंओ में हो सकती है अर्थात जिनमें प्रतिकारक प्रतिफल में परिवर्तित हो सकते हैं, ‘उत्क्रमणीय प्रतिक्रिया’ कहलाते हैं।
Ans. बाएं से दाएं दिशा में होने वाली प्रतिक्रिया को अग्रिम प्रतिज्ञा कहते हैं।
Ans. दाएं से बाएं दिशा में होने वाली प्रतिक्रिया को उल्टी प्रक्रिया कहते हैं।
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