राजपूत राजवंशों की उत्पत्ति part 4 | बुंदेलखंड का प्राचीन नाम क्या था? चंदेल वंश का संस्थापक कौन था? परमर्दिदेव ने कुतुबद्दीन ऐबक की अधीनता कब स्वकार की थी? चंदेल वंश का सबसे प्रतापी राजा कौन था?
राजपूत राजवंशों की उत्पत्ति part 4
Ans प्रतिहार साम्राज्य के पतन के बाद बुंदेलखंड पर चंदेल वंश अधिकार जमाया था.
Ans बुंदेलखंड का प्राचीन नाम जेजाकभुक्ति था.
Ans चंदेल वंश का संस्थापक नन्नुक था.
Ans चंदेल वंश की राजधानी खजुराहो में थी.
Ans प्रारंभ में चंदेल वंश की राजधानी कालिंजर थी.
Ans राजा धंग ने अपनी राजधानी कलिंगर से खजुराहो की थी.
Ans चंदेल वंश सबसे प्रतापी राजा यशोवर्मन था.
Ans चंदेल वंश का सर्वप्रथम स्वतंत्र राजा यासोवर्मन था.
Ans धंग ने जिन्ननाथ, विश्वनाथ, वैद्यनाथ मंदिर का मिर्माण करवाया था.
Ans कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण धंगदेव ने करवाया था.
Ans कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण 999 ई. में करवाया गया था.
Ans प्रतिहार शासक राज्यपाल की हत्या चंदेल शासक विद्याधर ने की थी.
Ans प्रबोध चंद्रोदय की रचना कृष्ण मिस्र ने की थी.
Ans महोबा के समीप किर्तिसागर नामक जलाशय का निर्माण कृष्ण मिस्र ने करवाया था.
Ans चंदेल वंश का अंतिम शासक परमर्दिदेव था.
Ans परमर्दिदेव ने कुतुबद्दीन ऐबक की अधीनता 1202 ई. में स्वीकार की थी.
Ans परमर्दिदेव की हत्या अजयदेव ने की थी.
Ans सोलंकी वंश का संस्थापक मूलराज प्रथम था.
Ans सोलंकी वंश कि राजधानी अन्हिलवाड़ थी.
Ans मूलराज प्रथम शैव धर्म का अनुनायी था.