दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश के gk part 4 . सर्वसाधारण लोगों की समिति का नाम क्या था? चोल काल में भूमिकर कितना था? चोलो सेना का सबसे संगठित अंग कौनसा था?
दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश के gk part 4
Ans सर्वसाधारण लोगों की समिति का नाम उर था.
Ans व्यापारियों की सभा को नागरम कहा जाता था.
Ans चोल काल में भुमिकर उपज का 1\3 भाग था.
Ans ब्राह्मणों को दी गई करमुक्त भूमि को चतुर्वेदी मंगलम कहा जाता था.
Ans ब्राह्मणों को दान में दी गई भूमि को ब्रह्म्देय भूमि कहा जाता था.
Ans चोल सेना का सबसे संगठित अंग पदाति अंग था.
Ans चोल काल में कंलुज सोने के सिक्के होते थे.
Ans तमिल कवियों में प्रसिद्ध कवि जयन्गोंदर था.
Ans कुलोतुंग का राजकवि जयंगोंदर था.
Ans कलिंगतुपरनी जयंगोंदर की रचना है.
Ans कन्नड़ साहित्य का त्रिरत्न पंप, पोन्न, रंन्न को कहा जाता है.
Ans चोलकालीन नटराज प्रतिमा को चोल कला का निचोड़ कहा जाता है.
Ans राजेंद्र प्रथम के गुरु इसानशिव थे.
Ans इसानशिव शैव धर्म के संत थे.
Ans चोल कला का [10 वी शताब्दी] महत्वपूर्ण बंदरगाह कावेरीपट्टनम था.
Ans चोल काल में बहुत बड़े गाँव को तनियर कहा जाता है.
Ans चोल काल में सड़क की देखभाल बगान समिति करती थी.
Ans चोल काल में व्यापारी समूह वलान्जियर, नानादैसी, मनिग्रामम थे.
Ans चोल काल में विष्णु के उपासक को अलवार कहा जाता था.
Ans चोल काल में शिओव के उपासक को नयनार कहा जाता था.