गणित प्रश्नोत्तरी gk part 1 | IIT मैं पूछे जाने वाले भौतिक विज्ञान के प्रश्न उत्तर | NIIT मैं पूछे जाने वाले भौतिक विज्ञान के प्रश्न उत्तर | इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम में पूछे जाने वाले विज्ञान के प्रश्न उत्तर |
गणित प्रश्नोत्तरी gk part 1
Ans. गिनती की संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं।
Ans. गिनती की संख्या में शून्य को सम्मिलित करने पर बने समूह को पूर्ण संख्या कहते हैं।
Ans. धनात्मक संख्या ऋण आत्मक संख्या और शून्य के सम्मिलित समूह को पूर्णांक संख्या कहते हैं।
Ans. वैसे धन प्राकृत संख्या जो 1 से तथा स्वयं से विभाजित हो और किसी संख्या से विभाजित ना हो उसे अभाज्य संख्या कहते हैं।
Ans. ऐसी धन प्राकृत संख्या जो 1 तथा स्वयं के अलावा अन्य संख्या से विभाजित हो, उसे भाज्य संख्या कहते हैं।
Ans. वैसी धन प्राकृत संख्या जो 2 से विभाजित हो उसे सम संख्या कहते हैं।
Ans. वैसी धन प्राकृत संख्या 2 से विभाजित ना हो उसे विषम संख्या कहते हैं।
Ans. वैसे संख्या जिसे p/q के रूप में व्यक्त किया जा सके जहां q=0 ना हो उसे परिमेय संख्या कहते हैं।
Ans. वैसे संख्या जिसे p/q के रूप में व्यक्त ना किया जा सके तथाजहां p और क दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी 0 ना हो, उसे अपरिमेय संख्या कहते हैं।
Ans. वे संख्याएं जो या तो परिमेय है या अपरिमेय उसे वास्तविक संख्या कहते हैं।
Ans. वास्तविक संख्या दो प्रकार के होते हैं।
Ans.ऐसी संख्याओं के जोड़े जिनके गुणनखंड में एक के अलावा कोई उभयनिष्ठ ना हो उसे सह अभाज्य संख्या कहते हैं।
Ans.ऐसी अभाज्य संख्याएं जिनके बीच 2 का अंतर हो उसे युग्म अभाज्य संख्या कहते हैं।
Ans. यदि किसी संख्याओं कोp/q के रूप में जहां pऔर qपुर्णांक हैं तथा q=0 नालिखा जाए तो ऐसी संख्याओं को भिन्न कहते हैं।
Ans. यदि भिन्न का अंश हर से कम हो, तो भिन्न को उचित भिन्न कहते हैं।
Ans.यदि भिन्न का अंश हर से भरा हो तो ऐसे भिन्न को अनुचित भिन्न कहते हैं।
Ans.यदि भिन्न एक पूर्णांक तथा भिन्न से मिलकर बनी हो तो भिन्न को मिश्र भिन्न कहते हैं।
Ans. यदि अंश या हर या दोनों भिन्न हो, तो भिन्न को मिश्रित भिन्न कहते हैं।
Ans. वे भिन्न जिनके हर10,10^2,10^3 इत्यादि हो, तो दशमलव भिन्न कहलाते हैं।
Ans. सामान्य तौर पर किसी भिन्न के हर या कभी-कभी अंश में किसी संख्या के जोड़ने या घटाने से बनने वाले भिन्न को वितत भिन्न कहते हैं।
Ans. सबसे बड़ी अंश वाली संख्या बड़ी होगी।
Ans. सबसे छोटे हर वाली संख्या बड़ी होगी।
Ans.सबसे छोटे अंश वाली संख्या सबसे बड़ी होगी, जबकि अंश,हर से बड़ी हो।
Ans. सबसे बड़े अंश वाली संख्या सबसे बड़ी होगी।
Ans. जिस संख्या के अंत में 0,2,4,6,8 हो वह संख्या 2 से पूर्णता विभाजित होगी।
Ans.जिस संख्या के अंकों का योग 3 से पूर्णता विभाजित हो वह संख्या तीन से विभाजित होगी।
Ans.जिस संख्या के अंतिम 2 अंकों से बनी संख्या 4 से विभाजित हो वह संख्या 4 से विभाजित होगी।
Ans.जिस संख्या के अंत में 0 या 5 ओवर संख्या 5 से पूर्णता विभाजित होगी।
Ans.जो संख्या 2 और 3 दोनों से विभाजित हो वह संख्या 6 से पूर्णता विभाजित होगी।
Ans.जब किसी संख्या के अंतिम 3 अंकों से बनी संख्या 8 से पूर्णतया विभाजित हो तो वह संख्या 8 से विभाजित होगी।
Ans.जिस संख्या का अंको का योग 9 से विभाजित हो वह संख्या 9 से पूर्णत विभाजित होगी।
Ans.जिस संख्या के अंत में 0 हो वह संख्या 10 से पूर्णतया विभाजित होगी।
Ans. वैसी संख्या जिसके सम स्थानों पर अंको का योग तथा विषम स्थानों पर अंको का योग का अंतर 0 या 11 से विभाजित हो तो वह संख्या 11 से पूर्णतया विभाजित होगी।
Ans.जो संख्या 3 और 4 दोनों से विभाजित हो वह संख्या 12 से पूर्णता विभाजित होगी।
Ans. दो या दो से अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक वह बड़ी से बड़ी संख्या होती है जो प्रत्येक दी गई संख्या को पूरा पूरा विभाजित कर सके।
Ans.दो या दो से अधिक दी गई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य वह छोटी से छोटी संख्या होती है जोप्रत्येक दी गई संख्या पूरी से पूरी विभाजित हो सके।
Ans. अंशों का महतम समापवर्तक/हरो का लघुत्तम समापवर्त्य।
Ans. अंशो का लघुत्तम समापवर्त्य/हरो का महत्तम समापवर्तक।
Ans. किसी राशि का औसत निकालने के लिए उन समस्त राशियों के योग में राशियों की संख्या से भाग देते हैं।
Ans. समस्त राशियों का योग/राशियों की संख्या।
Ans. जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति अथवा बैंक से रुपैया उधार देता है तो उसे दूसरे व्यक्ति या बैंक का धन प्रयोग करने के लिए जो किराया देना पड़ता है उसे ब्याज कहते हैं।
Ans. उधार लिए गए धन को मूलधन तथा तथा ब्याज के योग को मिश्रधन कहते हैं।
Ans. प्रति सैकड़ा पर निर्धारित अवधि में मिलने वाले ब्याज को ब्याज की दर कहते हैं।
Ans. यदि संपूर्ण ऋण अवधि में मूलधन एक ही रहे तोउस राशि पर लगने वाला ब्याज साधारण ब्याज होता है।
Ans. मूलधन× समय ×दर/100 ।
Ans. मूलधन + ब्याज ।
Ans. ब्याज ×100/ दर× समय ।
Ans. ब्याज ×100/मूलधन×दर ।
Ans. ब्याज×100/मूलधन×समय ।
Ans. जब उधार ली गई धनराशि का ब्याज समय पर ना देकर उसे धनराशि में जोड़ दिया जाता है और फिर उस धनराशि और ब्याज के प्राप्त योग परब्याज लगाया जाता है तो उसे चक्रवृद्धि ब्याज कहते हैं।
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